एनएचआरसी ने भीख मांगने वालों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की सिफारिश की |

एनएचआरसी ने भीख मांगने वालों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की सिफारिश की

एनएचआरसी ने भीख मांगने वालों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की सिफारिश की

:   Modified Date:  July 6, 2024 / 03:21 PM IST, Published Date : July 6, 2024/3:21 pm IST

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शुक्रवार को एक परामर्श जारी कर भीख मांगने वाले व्यक्तियों का संरक्षण करने और उनका पुनर्वास कराने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने और राष्ट्रव्यापी ‘डाटाबेस’ तैयार करने समेत कई सिफारिशें की हैं।

आयोग ने एक बयान में कहा कि यह परामर्श केंद्र और राज्य सरकारों को भीख मांगने वाले लोगों के जीवन में सुधार करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

इसमें कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अनेक पहलों और कल्याणकारी कार्यक्रमों को शुरू करने के बावजूद देशभर में लोगों का भीख मांगना जारी है।

बयान में कहा गया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में भीख मांगने वाले और खानाबदोश लोगों की संख्या 4,13,000 (4.13 लाख) से अधिक थी।

एनएचआरसी ने अधिकारियों से भीख मांगने वाले व्यक्तियों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार करने की सिफारिश की है। एनएचआरसी ने कहा कि भीख मांगने वालों को लक्षित वित्तीय सहायता, व्यावसायिक प्रशिक्षण, रोजगार के अवसरों मुहैया कराया जाए और इन पर अमल के लिए लगातार निगरानी की जाए।

मानवाधिकार आयोग ने जबरन भीख मंगवाने वाले किसी भी गिरोह पर अंकुश लगाने के लिए मानव तस्करी विरोधी कानून बनाने के उद्देश्य से समाजशास्त्रीय और आर्थिक प्रभाव का आकलन करने की भी सिफारिश की।

आयोग ने कहा कि इस कानून में भीख मांगने को मानव तस्करी के मूल कारणों में से एक माना जाना चाहिए तथा अपराधियों के खिलाफ दंडनीय अपराध का प्रावधान होना चाहिए।

भाषा

प्रीति संतोष

संतोष

 

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