नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य में कथित अतिक्रमण के बारे में तथ्यों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया है।
हरित अधिकरण अभयारण्य के अंदर कथित अतिक्रमण, अवैध निर्माण और अनधिकृत पेड़ों की कटाई, वन्यजीव गलियारों को बाधित करने और देशी प्रजातियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक आवास को खंडित करने के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा था।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 29 नवंबर के एक आदेश में कहा था, ‘‘आरोपों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, हम एक संयुक्त समिति का गठन करते हैं, जिसमें राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ),लखनऊ (क्षेत्रीय कार्यालय), केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य के वार्डन और मेरठ के जिला अधिकारी के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।’’
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि समिति को साइट का दौरा करके अभयारण्य और इसके आसपास के क्षेत्र में चल रहे पेड़ों की अवैध कटाई, अतिक्रमण और अवैध निर्माण के आरोपों की सत्यता का पता लगाना होगा। ।
भाषा
संतोष दिलीप
दिलीप
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