नई दिल्ली: Iran-Israel Military Strength : बांग्लादेश में तख्तापलट की खबरों के बीच, मध्य पूर्व में एक बड़े सैन्य संघर्ष का खतरा लगातार बढ़ रहा है। क्योकि अंदेशा जताया जा रहा है कि ईरान अगले कुछ घंटों में इजराइल पर हमला कर सकता है। साथ ही शनिवार को ईरान ने अपने आक्रामक तेवर से साफ कर दिया है, कि इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी है। इस संभावित हमले के मद्देनजर इजराइल के मित्र देशों ने खाड़ी में अपने जंगी हथियारों को तैनात करना शुरू कर दिया है। कई देशों की मध्यस्थता और बातचीत के बाद भी ईरान पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में इन दोनों देशों की सैन्य ताकत को जानना भी आवश्यक हो जाता है।
बड़े पैमाने पर युद्ध की आशंका के बीच ईरान, इज़राइल और पूरे मिडिल ईस्ट के लिए अगले 24 से 48 घंटे बेहद अहम हो सकते हैं। क्योंकि अगले एक-दो दिनों में ही ईरान इज़राइल पर हमला कर सकता है। 31 जुलाई को राजधानी तेहरान में हुए इस्माइल हानिया के कत्ल से गुस्साए ईरान ने इज़राइल को सबक सिखाने की धमकी दी है। साथ ही अब यह माना जा रहा है कि ईरान किसी भी वक़्त हमला कर सकता है। वहीं एक तरफ अमेरिकी न्यूज़ एजेंसी ने अपने सूत्रों के हवाले से हमले की आशंका जताते हुए इसके दो से चार दिनों में शुरू होने की बात कही है, तो दूसरी तरफ अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकन ने भी G-7 देशों को भी इस हमले को लेकर आगाह किया है। हालांकि ब्लिंकन ने हमले की टाइमिंग को लेकर कोई सटीक जानकारी से इनकार किया है।
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Iran-Israel Military Strength अब यह सवाल उठता है कि अगर वाकई में ईरान ने इज़राइल पर हमला कर दिया, तो क्या होगा?, इज़राइल की जवाबी कार्रवाई किस तरह होगी?, क्या इस हमले के बाद दोनों देशों के मित्र देश और संगठन भी साथ देंगे? और सबसे खास यह कि ईरान और इज़राइल के फौज की ताकत कितनी है? और दोनों एक-दूसरे को कितना नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं?, तो आइए इन सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं।
ईरान की हमले की आशंका के चलते इज़राइल ने भी अपना रूख साफ कर दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीधे कह दिया है कि अगर उन्हें इस बात के पुख्ता इंटेलिजेंस इनपुट मिलते हैं कि ईरान उन पर हमला कर सकता है। तो इज़राइल ईरान को रोकने के लिए ऐहतियातन हमले पर विचार कर सकता है। इज़राइल पर मंडराते इस खतरे के मद्देनजर रविवार को नेतन्याहू ने इज़राइली सेना यानी इज़राइल डिफेंस फोर्स के चीफ लेफ्टिनेंट, मोसाद के प्रमुख और शीन बेट के चीफ समेत दूसरे टॉप ऑफिशियल्स के साथ बैठक की और साफ कर दिया है कि, अगर ईरान या हिज्बुल्लाह में से किसी ने भी उन्हें छेड़ने की गलती की तो वो चुप नहीं बैठेंगे।
Iran-Israel Military Strength ईरान और इज़रायल के बीच युद्ध के हालात इतनी खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। इसका असर दोनों के मित्र देशों पर देखने को मिल रहा है। संभावित युद्ध के मद्देनजर अमेरिका और ब्रिटेन जैसे मित्र देशों ने इज़राइल की मदद के लिए तैयारी शुरू कर दिया है। एएफपी के अनुसार पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाएगा। ईरान या उसके प्रतिनिधियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त युद्धपोत और लड़ाकू जेट तैनात करेगा। ब्रिटेन ने रॉयल नेवी शिप्स के साथ R.A.F. हेलीकॉप्टर्स को भी अलर्ट कर रखा है। जानकारी के अनुसार बढ़ते तनाव के बीच शनिवार को ईरान के मिशन ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि उसे उम्मीद है कि हिजबुल्लाह इजरायल के अंदर तक हमला करेगा और इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह कमांडर को मारने के बाद अब हमले सैन्य लक्ष्यों तक सीमित नहीं रहेंगे।
दोनों की मौत के बाद बढ़े तनाव को कम करने के लिए ईरान के पड़ोसी देशों ने कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन ईरान अपने इरादे बदलने को तैयार नही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हानिया की मौत के बाद हालात का जायजा लेने और तनाव कम करने के इरादे से जॉर्डन और लेबनान के विदेश मंत्री ने ईरान का दौरा किया था। लेकिन ईरान ने स्पष्ट तौर कहा दिया कि वो हर हाल में इज़राइल पर हमला करेगा, चाहे युद्ध की ही शुरुआत क्यों ना हो जाए?
Iran-Israel Military Strength इस बीच दोनों देशों में तनाव और टकराव के हालात हर तरफ दिख रहे हैं। सवाल यह है कि यदि मध्य पूर्व के इन दोनों शक्तिशाली देशों के बीच यदि वास्तव में युद्ध शुरू हो गया तो उसमें किन हथियारों का उपयोग किया जाएगा और कौन सा देश किसके साथ खड़ा होगा?, सूत्रों की मानें तो ईरान को लेबनान में हिज्बुल्लाह, सीरिया और इराक की मिलिशिया और यमन के हूती विद्रोहियों से मदद मिल सकती है। लेकिन अब तक किसी देश ने खुलकर ईरान का साथ देने की बात नहीं कही है। हालांकि रूस और चीन ने ईरान का समर्थन जरूर किया है। लेकिन युद्ध की स्थिति में ये देश ईरान का कितना और कैसा साथ देंगे, ये स्पष्ट नहीं है। जबकि पहले से जॉर्डन का रुख सामान्य रहा है। क्योंकि इससे पहले जब ईरान ने इज़राइल पर मिसाइलें दाग़ी थीं। तब अमेरिका के साथ-साथ जॉर्डन ने भी इजराइल की मदद की थी। वहीं, सऊदी अरब और यूएई ने भी अमेरिका को इनपुट मुहैया कराए थे। खास बात ये है कि ईरान, इराक या यमन से अगर इज़राइल को निशाना बना कर मिसाइल दाग़ी जाए, तो इन्हें जॉर्डन की हवाई सीमा को पार करना होगा, और जॉर्डन ने पिछली बार साफ तौर पर कहा था कि वो ईरान और इज़राइल में से किसी को भी अपने हवाई सीमा पार करने नहीं देगा।
Iran-Israel Military Strength अब दोनों देशों की सैन्य ताकत के बारे में जानते हैं। जिससे पता चले कि यदि जंग के हालात बने तो कौन किस पर भारी पड़ सकता है। दुनिया के युद्ध विशेषज्ञ सैन्य ताकत के मामले में इजराइल और ईरान को करीब बराबरी का मानते हैं। अब सैनिकों की बात करे तो ईरान के पास 6,10000 सैनिक तो वहीं इजराइल के पास 1,69,500 सैनिक हैं। इजराइल के पास जहां 4,65,000 रिजर्व सैनिक हैं तो वहीं ईरान के पास 3,50,000 रिजर्व सेना है। पैरामिलेट्री के मामले में ईरान, इजराइल से आगे है। ईरान के पास 2 लाख 20 हजार की पैरामिलेट्री फोर्स है तो वहीं इजराइल के पास इनकी संख्या महज 35 हजार है। यदि टैंकों की बात की जाए तो इजराइल के पास 1370 टैंक और ईरान के पास 1996 टैंक है। ईरान के पास सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी की संख्या 580 है जबकि इजराइल के पास 650 सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी है। रॉकेट ऑर्टिलरी के मामले में इजराइल से ईरान काफी आगे है। ईरान के पास मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर 775 तो इजराइल के पास 150 है। ईरान का रक्षा बजट 9 अरब डॉलर है तो इजराइल का 24 अरब डॉलर है। हवाई ताकत के बारे में बात करें तो ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के मुताबिक हवाई ताकत इजराइल की काफी मजबूत है। इजराइल सेना के पास न सिर्फ लड़ाकू विमान ज्यादा हैं बल्कि ईरान के मुकाबले इनकी मारक क्षमता भी अधिक है।
Iran-Israel Military Strength इधर वायु सेना की बात करें तो ईरान के पास कुल 42000 वायुसैनिक हैं जबकि इजराइल के पास 89000 वायुसैनिक हैं। इजराइली सेना के पास 612 लड़ाकू विमान हैं जबकि ईरान के पास 551 हैं। इजराइल के पास 241 फाइटर क्राफ्ट और ईरान के पास 186 हैं। इजराइल के पास 23 स्पेशल मिशन एयरक्राफ्ट हैं तो ईरान के पास सिर्फ 10 हैं। 155 ट्रेनर एयरक्राफ्ट इजराइल के पास हैं। जबकि ईरान में इसकी संख्या 102 है। 14 टैंकर फ्लीट इजराइल के पास और ईरान के पास 7 हैं। 146 हेलीकॉप्टर इजराइल के पास हैं। ईरान के पास इसकी संख्या 129 है। इजराइल के पास 48 लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं तो ईरान के पास केवल 13 हैं।
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Iran-Israel Military Strength अब बात करते हैं समंदर में दोनों देशों के ताकत की। ईरान के पास 7 फिग्रेट्स हैं जबकि इजराइल के पास एक भी नहीं है। इजराइल के पास 7 कारवेट्स हैं जबकि ईरान के पास इसकी संख्या 3 है। ईरान के पास 19 पनडुब्बी हैं जबकि इजराइल के पास इसकी संख्या 5 है। इजराइल के पास 45 पेट्रोल वेसेल्स हैं तो ईरान के पास इनकी संख्या 21 है। ईरान के पास एक मरीन वारफेयर है तो इजराइल के पास एक भी नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक माना जाता है कि इजराइल के पास परमाणु हथियार भी हैं। वाशिंगटन के न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव का अनुमान है कि इजराइल के पास लगभग 90 परमाणु हथियार हैं। जबकि ईरान के पास अब तक परमाणु बम होने की कोई ख़बर नहीं है। हालांकि ईरान लगातार परमाणु बम बनाने की कोशिश जरूर करता रहा है।
दुनिया के युद्ध विशेषज्ञ सैन्य ताकत के मामले में इजराइल और ईरान को करीब बराबरी का मानते हैं। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के मुताबिक ईरान अगर दुनिया में चौदहवें नंबर पर है तो इजराइल भी 17वें नंबर पर है। सेना, हथियारों और विमानों के लिहाज से भी दोनों एक-दूसरे को अलग-अलग मोर्चों पर टक्कर देते हैं।
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