New Pension Scheme: देशभर में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बढ़ते हुए केंद्र और राज्य सरकार आर्थिक रूप से महंगे ओल्ड पेंशन स्कीम और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के बीच का रास्ता खोज रही है। सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत प्राप्त अंतिम वेतन के लगभग 50% पर गारंटी सुधा पेंशन की पेशकश की जा सकती है। साथ ही इसके सरकारी खजाने पर बहुत अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेंगे। बिना मौजूदा योजना में बदलाव किए इस पेंशन स्कीम को लागू किया जा सकता है जबकि पुरानी पेंशन योजना परिभाषित लागू की अवधारणा पर आधारित है और इससे सरकारी खजाने पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा।
New Pension Scheme: मौजूदा नियम के तहत नई पेंशन स्कीम के तहत जब नई पेंशन योजना वर्ष के दौरान जमा की गई राशि का 60% उसके सेवानिवृत्त होने के बाद उसे वापस लेने की अनुमति दी गई है। हालांकि यह निकासी कर मुक्त होती है लेकिन 40% को वार्षिकी में निवेश किया जाता है और अंतिम आहरित वेतन के लगभग 35% के बराबर उसके पेंशन को प्रदान किया जाता है। वहीं नई पेंशन स्कीम में इस तरह संशोधन करने की तैयारी की जा रही है कि सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को एकमुश्त राशि के रूप में लगभग 41.7% के योगदान से उनके वेतन के 10% योगदान उन्हें वापस किए जाएं।
New Pension Scheme: इसके लिए एक विश्लेषण भी किया गया। जिसमें पता चला है कि अगर केंद्र और राज्य सरकार के योगदान 14% से निर्मित से 58.3% को प्रमाणीकरण किया जाता है तो नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन अंतिम आहरित वेतन का लगभग 50% हो सकता है। इस तरह से इसमें संशोधन की बात कही जा रही है। वहीं अगर वास्तविक रिटर्न गारंटीकृत राशि से कम होता है तो सरकार एनपीएस में थोड़ा और योगदान देकर इस अंतर को खत्म कर सकती है।
New Pension Scheme: इससे पहले कई राज्य में पुरानी पेंशन योजना की मांग देखने को मिल रही है। राज्य में पुरानी पेंशन योजना को स्वीकार भी कर लिया गया है। अब ऐसे में आगामी चुनाव को देखते हुए कि राज्य सरकार द्वारा भी पुरानी पेंसन योजना को लागू करने की घोषणा की जाती है। जिस पर अब केंद्र और राज्य सरकार द्वारा नई पेंशन स्कीम में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन की तैयारी करने के आसार बनते जा रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो इससे बड़ा लाभ मिलेगा। साथ ही उनके पेंशन की राशि में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
New Pension Scheme: इधर आठवें वेतन आयोग में वेतन में संभावित वृद्धि को अंतिम आहरित वेतन का 50% उत्पन्न करने के लिए शामिल किया गया है, एनपीएस को अभी भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीँ यदि पेंशनर्स एक और वेतन आयोग के लागू होने के तुरंत बाद बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त होते हैं। इसका मतलब होगा कि ज्यादा योगदान किए बिना, वे संशोधित वेतन के आधार पर बहुत अधिक पेंशन पाने के हकदार होंगे।
New Pension Scheme: पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 2022 में ओपीएस में लौटने की घोषणा के बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की एनपीएस के तहत संचित कोष की कस्टडी की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि कानून ऐसी निकासी की अनुमति नहीं देता है। इन राज्यों ने एनपीएस में नया योगदान बंद कर दिया है।
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