New Parliament Building: नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। नए संसद भवन की चर्चा चारों तरफ हो रही है। यह काफी भव्य और आर्कषक है। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने सेंगोल को स्थापित किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के साथ स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल को स्थापित किया गया। चलिए जानते हैं नए पार्लियामेंट ब्लिडिंग में क्या है विशेष, जो इसे पुराने संसद भवन से बनाती है खास।
Read more: बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर पहुंचे जगदलपुर, बस्तर विस और जिला कोर कमेटी की लेंगे बैठक
देश की नई संसद में अखंड भारत का नक्शा, अंबेडकर-सरदार पटेल और चाणक्य की प्रतिमा समेत कई ऐसी चीजें उकेरी गई हैं, जिन्हें देखकर देशवासियों को अपनी संस्कृति पर गर्व हो। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है, जबकि राज्यसभा का हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है और संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है।
बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष ने ट्वीट कर कहा कि संसद के अंदर की कुछ झलकियां। यह एक बिल्डिंग ही नहीं है। यह भारत की गर्वित सभ्यता को आगे बढ़ाने वाला है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार। बीएल संतोष ने अपने ट्वीट में उन तस्वीरों को भी शेयर किया है।
New Parliament Building: नई संसद में संविधान हॉल भवन के बीचोंबीच बना हुआ है। इसके ऊपर अशोक स्तंभ लगा हुआ है। बताया गया कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस समेत देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है। अभी लोकसभा में 590 और राज्यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है। जबकि नए संसद भवन की लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है। दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं।
नए संसद भवन के निर्माण के लिए बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, सागौन (टिक वुड) की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है। कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए हैं। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है। स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं।
New Parliament Building: अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है। अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है। लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से मंगवा गया है। इसी राज्य के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं। केसरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया है।
एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था। ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए। एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई।