नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) न्यू इंडिया फाउंडेशन (एनआईएफ) ने तमिल, गुजराती, हिंदी और उर्दू में 2024-25 के लिए एनआईएफ ‘ट्रांसलेशन फेलोशिप’ के विजेताओं की बुधवार को घोषणा की।
एनआईएफ ‘ट्रांसलेशन फेलोशिप’ 10 भारतीय भाषाओं असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, मलयालम, उड़िया, तमिल और उर्दू के कथेतर रचनाओं के अनुवाद के लिए प्रदान किया जाता है।
फाउंडेशन ने एक बयान में बताया कि प्रत्येक विजेता को छह महीने के लिए यह फेलोशिप दी जाती है और इस अवधि में छह- छह लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है। फेलोशिप प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को 1850 के बाद प्रकाशित ऐतिहासिक भारतीय भाषा की रचनाओं का अंग्रेजी में अनुवाद करना होता है।
एनआईएफ फेलोशिप के अध्यक्ष श्रीनाथ राघवन ने एक बयान में कहा, ‘ट्रांसलेशन फेलोशिप’ का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में भारत के बारे में रची गई कथेतर रचनाओं का अंग्रेजी में अनुवाद करना है, जिससे इन महत्वपूर्ण रचनाओं को ज्यादा से ज्यादा पाठक वर्ग तक पहुंचाया जा सके।’’
विजेताओं को संपादकीय और वित्तीय सहायता के साथ-साथ एनआईएफ के न्यासियों, द्विभाषी विद्वानों और लेखकों से बनी भाषा विशेषज्ञ समिति के साथ काम करने का अवसर भी मिलेगा। इस समिति में राणा सफवी, के.आर. मीरा, सुहास पलशिकर, विवेक शानबाग और त्रिदीप सुहृद शामिल हैं।
भाषा जितेंद्र धीरज
धीरज
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