वर्ष 2010 से एचआईवी के नए मामलों में 44 प्रतिशत की कमी आई: अनुप्रिया पटेल |

वर्ष 2010 से एचआईवी के नए मामलों में 44 प्रतिशत की कमी आई: अनुप्रिया पटेल

वर्ष 2010 से एचआईवी के नए मामलों में 44 प्रतिशत की कमी आई: अनुप्रिया पटेल

:   Modified Date:  September 25, 2024 / 05:05 PM IST, Published Date : September 25, 2024/5:05 pm IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को कहा कि 2010 से एचआईवी संक्रमण के नए वार्षिक मामलों में 44 प्रतिशत की कमी आई है। यह वैश्विक कमी दर 39 प्रतिशत से अधिक है।

पटेल ने संयुक्त राष्ट्र में ‘‘पुनर्जीवित बहुपक्षवाद: एड्स को साथ मिलकर समाप्त करने के लिए पुनः प्रतिबद्धता’’ विषय पर आयोजित उच्च स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह जानकारी साझा की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम यूएनएड्स, ग्लोबल फंड और पीईपीएफएआर द्वारा आयोजित किया गया था।

मंत्री ने कहा कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन चुके एचआईवी/एड्स को 2030 तक समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

बयान में कहा गया कि उन्होंने एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई में भारत की प्रगति और रणनीतियों को रेखांकित किया। इसमें राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (2021-2026) का 5वां चरण भी शामिल है, जिसे भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया गया है।

पटेल ने कहा, ‘‘हाल में आई ‘भारत एचआईवी अनुमान 2023’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 25 लाख से अधिक लोग एचआईवी पीड़ित हैं, लेकिन ठोस प्रयासों के कारण, वयस्कों में एचआईवी का प्रसार 0.2 प्रतिशत पर है और एचआईवी संक्रमण के अनुमानित वार्षिक नए मामले लगभग 66,400 हैं।’’

पटेल ने कहा, ‘‘वर्ष 2010 से एचआईवी संक्रमण के नए वार्षिक मामलों में 44 प्रतिशत की कमी आई है, जो वैश्विक कमी दर 39 प्रतिशत से अधिक है।’’

मंत्री ने कहा कि भारत ने एचआईवी/एड्स से लड़ने में बड़ी प्रगति की है। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में ‘रेड रिबन क्लब’ जैसी युवाओं को लक्षित करने वाली विभिन्न पहल और वार्षिक रेड रन मैराथन जैसी जन-जागरूकता गतिविधियों का उल्लेख किया, जो इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक एचआईवी और सिफलिस परीक्षण की सुविधा प्रदान करता है, तथा हर साल तीन करोड़ से अधिक निशुल्क एचआईवी परीक्षण किए जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, 17 लाख से अधिक लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के माध्यम से निःशुल्क एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) प्राप्त कर रहे हैं।’’

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

 

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