राफेल डील में नया 'खुलासा', रिपोर्ट में दावा- कंपनी ने भारत के बिचौलिए को दिए 65 करोड़ रुपए घूस, CBI-ED को भी थी जानकारी | New 'disclosure' in Rafale deal, claims in report - Company paid Rs 65 crore bribe to India's middleman, CBI-ED was also aware

राफेल डील में नया ‘खुलासा’, रिपोर्ट में दावा- कंपनी ने भारत के बिचौलिए को दिए 65 करोड़ रुपए घूस, CBI-ED को भी थी जानकारी

राफेल डील में नया 'खुलासा', रिपोर्ट में दावा- कंपनी ने भारत के बिचौलिए को दिए 65 करोड़ रुपए घूस, CBI-ED को भी थी जानकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : November 8, 2021/2:10 pm IST

नईदिल्ली। New ‘disclosure’ in Rafale deal : राफेल सौदे का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है, फ्रांस की एक ऑनलाइन पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ ने फेक इनवॉयस पब्लिश कर दावा किया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने डील कराने के लिए भारतीय बिचौलिए को करीब 65 करोड़ रुपए (€7.5 मिलियन) की रिश्वत दी थी और इसकी जानकारी सीबीआई और ईडी को भी थी। मगर उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया।

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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दस्तावेजों के होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया। भारत ने फ्रांस से 59000 करोड़ रुपए में 36 राफेल विमान का सौदा किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘इसमें ऑफशोर कंपनियां, संदिग्ध अनुबंध और फेक चालान शामिल हैं।

New ‘disclosure’ in Rafale deal : मीडियापार्ट के मुताबिक, कथित फेक चालानों ने फ्रांसीसी विमान निर्माता दसॉल्ट एविएशन को भारत के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा सेक्योर करने में मदद करने के लिए गुप्ता को सीक्रेट कमीशन कम से कम 7.5 मिलियन यूरो यानी करीब 65 करोड़ रुपए का भुगतान करने में सक्षम बनाया। हालांकि, इन दस्तावेजों के मौजूद होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई और जांच शुरू नहीं की।

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अप्रैल की रिपोर्ट की मानें तो अधिकांश भुगतान 2013 से पहले किए गए थे। सुशेन गुप्ता से जुड़े एक अकाउंट स्प्रेडशीट के अनुसार, ‘डी नाम की एक कंपनी (जो कि एक कोड है, जिसे वह नियमित रूप से दसॉल्ट के लिए उपयोग करता है) ने 2004-2013 की अवधि में सिंगापुर में शेल कंपनी इंटरदेव को 14.6 मिलियन यूरो (125.26 करोड़ रुपये) का भुगतान किया।