(श्रुति भारद्वाज)
नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) दिल्ली के स्कूलों में जल्द ही बुजुर्गों की देखभाल, योग और स्वयं-सहायता जैसे विषय पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के एक अधिकारी ने कहा कि ‘साइंस ऑफ लिविंग’ नामक एक नया पाठ्यक्रम छात्रों को योग, एकाग्रता और ‘स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज’ सहित ध्यान के विभिन्न रूपों से परिचित कराएगा।
उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम केजी से कक्षा 10 तक के छात्रों के लिए होगा।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शिक्षा विभाग कृत्रिम मेधा (एआई) पर केंद्रित नए पाठ्यक्रम भी विकसित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी विकसित होती जा रही है, कौशल को उन्नत करने की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है। इसे पूरा करने के लिए हम नए पाठ्यक्रमों और गतिविधियों पर काम कर रहे हैं जो छात्रों को तकनीक की दुनिया में आगे रहने में मदद करेंगे।’’
अधिकारी ने बताया कि कई मौजूदा योजनाओं और पाठ्यक्रमों को उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए नयी सामग्री के साथ संशोधित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उनमें से एक है उद्यमिता का तंत्र एवं दृष्टिकोण का नया युग या एनईवी, जो छात्रों को व्यवसाय से संबंधित गतिविधियों से परिचित कराएगा।
अधिकारी ने बताया कि एनईवी, ‘बिजनेस ब्लास्टर्स’ कार्यक्रम से अलग होगा और इसमें गतिविधियों का एक नया सेट पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रनीति’ नामक एक और नया कार्यक्रम सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए शुरू किया जाएगा ताकि उन्हें शासन, लोकतंत्र, सक्रिय नागरिकता और नीति निर्माण का ‘‘व्यावहारिक’’ ज्ञान दिया जा सके।
भाषा खारी नेत्रपाल
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