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नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरारें डालने की साजिश रचने वाली विघटनकारी ताकतों से आगाह करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजने की जरूरत है।
संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने इस चुनौती का जिक्र किया।
उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा, ‘‘आज की संचार क्रांति के युग में विघटनकारी ताकतें, लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरारें डालने की साजिशें रच रही हैं। ये ताकतें देश के भीतर भी हैं और देश के बाहर से भी संचालित हो रही हैं।’’
मुर्मू ने कहा, ‘‘इनके द्वारा अफवाह फैलाने का, जनता को भ्रम में डालने का, दुष्प्रचार का सहारा लिया जा रहा है। इस स्थिति को ऐसे ही बेरोक-टोक नहीं चलने दिया जा सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज के समय में टेक्नॉलॉजी हर दिन और उन्नत हो रही है। ऐसे में मानवता के विरुद्ध इनका गलत उपयोग बहुत घातक है।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व मंच पर भी इन चिंताओं को प्रकट किया है और एक वैश्विक ढांचे की वकालत की है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम सभी का दायित्व है कि इस प्रवृत्ति को रोकें, इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजें।’’
उन्होंने सदस्यों से कहा, ‘‘मैं चाहूंगी कि आप सभी इन विषयों पर चिंतन-मनन करके इन विषयों पर ठोस और सकारात्मक परिणाम देश को दें।’’
भाषा अविनाश मनीषा
मनीषा
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