एनसीपीसीआर ने 11 लाख बच्चों को बाल विवाह से बचाने के लिए उठाए ऐहतियाती कदम |

एनसीपीसीआर ने 11 लाख बच्चों को बाल विवाह से बचाने के लिए उठाए ऐहतियाती कदम

एनसीपीसीआर ने 11 लाख बच्चों को बाल विवाह से बचाने के लिए उठाए ऐहतियाती कदम

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 05:44 PM IST, Published Date : October 10, 2024/5:44 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने वर्ष 2023-24 में बाल विवाह की आशंका वाले 11 लाख से अधिक बच्चों की पहचान की और परिवार परामर्श, स्कूल पहुंचाने के प्रयासों और कानून प्रवर्तन के साथ समन्वय जैसे कदम उठाए।

आयोग की एक रिपोर्ट में बाल विवाह निषेध अधिकारियों (सीएमपीओ), जिला अधिकारियों और अन्य हितधारकों के सहयोग से बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत किए गए प्रयासों को रेखांकित किया गया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जागरुकता अभियानों के माध्यम से 1.2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचा गया तथा उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी बनकर उभरे।

यह रिपोर्ट स्कूल छोड़ने के जोखिम वाले बच्चों पर डेटा प्रस्तुत करती है, जो बाल विवाह में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक है।

एनसीपीसीआर के अनुसार, पूरे भारत में 11.4 लाख से अधिक ऐसे बच्चों की पहचान की गई, जिनके बाल विवाह का शिकार बनने की आशंका अधिक थी।

उसने कहा कि इन बच्चों को इस समस्या से बचाने के लिए पारिवारिक परामर्श, स्कूल से जोड़ने के प्रयासों और कानून प्रवर्तन के साथ समन्वय के माध्यम से कई कदम उठाए गए।

भाषा हक

हक मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)