एनसीपीसीआर ने किशोर न्याय प्रणाली में कमियों की पहचान की, पोर्टल के उपयोग को प्रोत्साहन |

एनसीपीसीआर ने किशोर न्याय प्रणाली में कमियों की पहचान की, पोर्टल के उपयोग को प्रोत्साहन

एनसीपीसीआर ने किशोर न्याय प्रणाली में कमियों की पहचान की, पोर्टल के उपयोग को प्रोत्साहन

:   Modified Date:  October 3, 2024 / 10:11 PM IST, Published Date : October 3, 2024/10:11 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) शीर्ष बाल अधिकार निकाय एनसीपीसीआर ने बृहस्पतिवार को किशोर न्याय प्रणाली में कई कमियों को उजागर किया और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आरोपों का सामना कर रहे बच्चों (सीसीएल) के उचित पुनर्वास के लिए उसके ‘बाल स्वराज-सीसीएल पोर्टल’ का उपयोग करने का आग्रह किया।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सभी जिला बाल संरक्षण इकाइयों (डीसीपीयू) से आग्रह किया कि वे तुरंत पोर्टल का उपयोग शुरू करें और नए और मौजूदा मामलों को सात दिनों के भीतर अद्यतन करें।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रमुख सचिवों को संबोधित एक पत्र में, एनसीपीसीआर ने सीसीएल के पुनर्वास में प्रणालीगत मुद्दों को संबोधित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया।

आयोग ने प्रमुख कमियों की पहचान की, जिनमें सीसीएल के लिए समय पर कानूनी सहायता का अभाव, जमानत देने में देरी, तथा सामाजिक जांच रिपोर्ट और व्यक्तिगत देखभाल योजनाओं की तैयारी न करना शामिल है।

पत्र में बताया गया है कि ये रिपोर्टें किशोर न्याय अधिनियम के तहत किशोर पुनर्वास की आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, फिर भी कई राज्य इन्हें पूरा करने में विफल रहे हैं।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

 

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