छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की रफ्तार में दोगुनी वृद्धि, खुफिया शाखा को किया गया सक्रिय |

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की रफ्तार में दोगुनी वृद्धि, खुफिया शाखा को किया गया सक्रिय

2024 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में कुल 124 नक्सलियों ने अपने हथियार डाले थे, जिसमें कुछ ऐसे नक्सली शामिल हैं जिन पर इनाम घोषित था जबकि कुछ पर इनाम घोषित नहीं था तथा कुछ 'जन मिलिशिया' के सदस्य थे।

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Modified Date: March 30, 2025 / 03:53 PM IST
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Published Date: March 30, 2025 3:10 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 2024 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में कुल 124 नक्सलियों ने अपने हथियार डाले
  • इस साल (2025) की इसी अवधि में यह संख्या बढ़कर 280 हो गई
  • वर्ष 2024 में कुल 787 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया

नयी दिल्ली/रायपुर, 30 मार्च : Naxal surrender doubles in Chhattisgarh, छत्तीसगढ़ में इस साल के पहले तीन महीनों में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संख्या पिछले साल इसी अवधि की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने छत्तीसगढ़ के सबसे कठिन युद्ध क्षेत्र में नक्सलियों को हथियार डालने के लिए राजी करने के उद्देश्य से खुफिया शाखा को सक्रिय कर दिया है।

अर्धसैनिक बल द्वारा अपने खुफिया अभियान इकाई को जारी निर्देश में ‘जन मिलिशिया’ और रिवोल्यूशनरी पीपल्स कमेटी (आरपीएससी) के सदस्यों के साथ-साथ उनके समर्थकों की ‘पहचान’ करने का काम सौंपा गया है। सीआरपीएफ ने अपनी खुफिया इकाई से यह भी कहा है कि वे स्थानीय निवासियों के साथ संवाद करें, उन्हें यह प्रेरित करें कि वे नक्सली कैडरों को आत्मसमर्पण करने, नक्सली विचारधारा को त्यागने और समाज के मुख्यधारा में शामिल होने के लिए मनाने में भूमिका निभाएं। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।

Naxal surrender doubles in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण के आधिकारिक आंकड़े प्राप्त हुए हैं, जिनके अनुसार 2024 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में कुल 124 नक्सलियों ने अपने हथियार डाले थे, जिसमें कुछ ऐसे नक्सली शामिल हैं जिन पर इनाम घोषित था जबकि कुछ पर इनाम घोषित नहीं था तथा कुछ ‘जन मिलिशिया’ के सदस्य थे।

आंकड़ों के अनुसार इस साल (2025) की इसी अवधि में यह संख्या बढ़कर 280 हो गई है। वर्ष 2024 में कुल 787 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से अधिकतर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और इसकी विशेष कमांडो इकाई कोबरा द्वारा किए गए प्रयासों के कारण हुए।

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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संख्या में वृद्धि क्यों हो रही है?

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संख्या में वृद्धि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सक्रिय खुफिया अभियान और स्थानीय निवासियों के साथ संवाद के कारण हो रही है। सीआरपीएफ ने नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करने की रणनीति अपनाई है।

2024 और 2025 में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संख्या में कितना फर्क आया है?

2024 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में 124 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जबकि 2025 में यह संख्या बढ़कर 280 हो गई है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से भी अधिक है।

सीआरपीएफ का खुफिया अभियान किस उद्देश्य से चलाया जा रहा है?

सीआरपीएफ का खुफिया अभियान नक्सलियों को हथियार डालने के लिए राजी करने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। इसमें 'जन मिलिशिया' और रिवोल्यूशनरी पीपल्स कमेटी (आरपीएससी) के सदस्य भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार का नक्सलवाद समाप्त करने का क्या लक्ष्य है?

केंद्र सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को समाप्त करना है, जिसके लिए वह विभिन्न रणनीतियों का पालन कर रही है, जिसमें नक्सलियों का आत्मसमर्पण भी शामिल है।