कोलकाता, 18 मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी की जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मंगलवार तड़के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक अधिकारी ने बताया कि दोनों नेताओं को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया क्योंकि उन्होंने सांस लेने में दिक्कतों की शिकायत की थी।
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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया था और चारों को सोमवार रात कोलकाता में प्रेसिडेंसी जेल ले जाया गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘चटर्जी और मित्रा ने तड़के तीन बजे सांस लेने में परेशानी की शिकायत की जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया। दोनों को एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न वार्ड में रखा गया है। उनकी हालत अब स्थिर है।’’
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अधिकारी ने बताया कि जेल में अस्वस्थ महसूस करने वाले मुखर्जी को भी मंगलवार तड़के स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल लाया गया। जांच के बाद मंत्री को जेल ले जाया गया क्योंकि वह अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते थे। मुखर्जी को कुछ जांच के लिए फिर से मंगलवार सुबह एसएसकेएम अस्पताल लाया गया। हकीम की हालत ठीक बतायी जा रही है। गिरफ्तार किए गए दोनों नेताओं के अस्पताल में भर्ती होने के मद्देनजर कोलकाता पुलिस के कर्मियों की भी वहां तैनाती की गयी थी।
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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारद स्टिंग मामले में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों, एक विधायक और पार्टी के एक पूर्व नेता को जमानत देने के सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। उच्च न्यायालय की पीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाना ही सही होगा। पीठ ने अगले आदेश तक सभी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजने का भी आदेश दिया।
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नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए। यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 को सीबीआई जांच का आदेश दिया था।