नयी दिल्ली: उत्तरी दिल्ली में नजफगढ़ नाले के दो किमी के हिस्से को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और आगे की ओर काम तेजी से चल रहा है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यमुना में बहने वाला 57 किलोमीटर लंबे नाले में 121 छोटे नाले गिरते हैं जो इसमें अवजल गिराते हैं।
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अधिकारियों के अनुसार, नाले में सालाना तीन से चार लाख टन से अधिक गाद जमा होती है और उपेक्षा व उदासीनता के कारण वर्तमान में लगभग 85 लाख टन ठोस कचरा नाले में पड़ा है। आकलन के मुताबिक दो ठोस टीलों के रूप में एकत्रित गाद गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 85 लाख टन कचरे के बराबर है। नाले में पानी के नीचे ढेर के रूप में एकत्रित यह गाद पानी के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध करती हैं, विशेष रूप से मानसून के दौरान, जिसके परिणामस्वरूप नालियों में पानी भर जाता है और शहर में बाढ़ और जलभराव हो जाता है।
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उन्होंने बताया कि तिमारपुर से माल रोड ब्रिज तक नाले का दो किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह साफ हो गया है। अधिकारियों ने दावा किया कि नाले की सफाई के लिए अदालत के विभिन्न आदेशों और निर्देशों के बावजूद, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग या दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पिछले 17 वर्षों के दौरान ‘ड्रेजिंग’ (तलछट की सफाई) के लिए एक भी नया उपकरण हासिल नहीं किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि जब से उन्होंने पदभार संभाला है, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना व्यक्तिगत रूप से नजफगढ़ नाले की सफाई कार्यों पर नजर रख रहे हैं। नजफगढ़ नाला यमुना का मुख्य प्रदूषण स्रोत भी है।
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7 hours ago