नायडू ने राज्यसभा सदस्यों से ‘बेहतर' प्रदर्शन की अपील की |

नायडू ने राज्यसभा सदस्यों से ‘बेहतर’ प्रदर्शन की अपील की

नायडू ने राज्यसभा सदस्यों से ‘बेहतर' प्रदर्शन की अपील की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : July 18, 2022/1:36 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को उच्च सदन के सदस्यों से अपील की कि वे पिछले पांच वर्ष की तुलना में ‘बेहतर’ प्रदर्शन करें।

राज्यसभा के सभापति के रूप में नायडू का यह आखिरी सत्र है। देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में उनका पांच साल का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, सभापति नायडू ने उच्च सदन में कहा कि यह उनके कार्यकाल का आखिरी सत्र है। इसके साथ ही उन्होंने सदस्यों को आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव की याद दिलाते हुए कहा कि इस सत्र को सार्थक बनाने का पूरा प्रयास करना चाहिए।

नायडू ने अपने कार्यकाल के संदर्भ में कहा कि पिछले 13 सत्रों के दौरान, 248 निर्धारित बैठकों में से 141 बैठकें (57 प्रतिशत हिस्सा) आंशिक रूप से या पूरी तरह से बाधित रहीं। उन्होंने कहा, ‘आप सभी इस बात से सहमत होंगे कि राष्ट्र के लिए सौंपे गया यह मिशन बेहतर हो सकता था। कभी नहीं से देर भली। अब भिन्न और बेहतर होने का समय है।’

उनकी इस टिप्पणी के दौरान कांग्रेस सदस्य महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर आसन के पास नारेबाजी कर रहे थे। सदन में शोरगुल के बीच ही उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के आखिरी दिन इन पांच साल के दौरान उच्च सदन के कामकाज का विस्तृत विवरण देंगे।

नायडू ने कहा, ‘‘…. मैं आप सभी से इस सत्र को यादगार बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की अपील करना चाहता हूं, खासकर इस सत्र के महत्व के मद्देनजर।’’ सभापति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह सत्र अमृत काल के अगले 25 वर्षों में सदन के कामकाज के लिए दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि यह काल भारत को पूरी तरह से नए दौर में ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है।

उन्होंने कहा, ‘पांच साल पहले मेरे कार्यभार संभालने के बाद से, हम यहां अब तक 13 पूर्ण सत्रों के लिए एकत्र हुए हैं और यह 14 वां ऐसा मौका है। पांच साल की यह यात्रा मेरे लिए काफी सीखने वाला अनुभव रहा… इस महान सदन में अलग-अलग सोच, झुकाव और राजनीतिक विचारधाराओं वाले 30 से अधिक राजनीतिक दलों के करीब 245 सदस्यों के साथ काम करना करना अनुभवप्रद और चुनौतीपूर्ण रहा।’’

सभापति ने कहा कि उन्होंने सभी सदस्यों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने की भरसक कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘इन सकारात्मक चीजों का श्रेय आप सबको जाता है। और अगर मेरे सर्वोत्तम प्रयास आपकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे तो मैं इसकी जिम्मेदारी लेने में संकोच नहीं करूंगा।’

उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्र भारत के 100 साल का होने पर हमारी आबादी में करीब 20 करोड़ की वृद्धि होगी। इसके साथ आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर दीर्घकालिक दृष्टि और परिकल्पना के साथ विचार करने की आवश्यकता है… उज्ज्वल भविष्य को आकार देने में भारत की संसद को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। संसद सदस्यों को इस अवसर के अनुरुप काम करने की जरूरत है।’

भाषा

अविनाश माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)