नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने शुक्रवार को वनस्पति आधारित प्रोटीन, कीट प्रोटीन और प्रयोगशाला में विकसित मांस जैसे नवीन खाद्य पदार्थों के लिए कठोर खाद्य सुरक्षा मानकों एवं अनुकूलनीय नियामक ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया।
वह राष्ट्रीय राजधानी में दो दिवसीय वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
नड्डा ने खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों से उत्पन्न खतरों को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर जैविक खेती को व्यापक रूप से अपनाने के महत्व पर बल दिया।
मंत्री ने हाल की विभिन्न रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की, जिसमें ‘‘मनुष्यों के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की खतरनाक उपस्थिति’’ का खुलासा किया गया था। उन्होंने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग विकसित करने में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
नड्डा ने कहा, ‘‘तेजी से हो रहा वैश्वीकरण, प्रौद्योगिकी प्रगति और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताएं हमारी खाद्य प्रणालियों को अभूतपूर्व गति से नया आकार दे रही हैं। हम स्थिरता के लिए प्रयास करते समय सतत खाद्य जनित बीमारियों और न्यूट्रास्युटिकल सुरक्षा, नए खाद्य पदार्थों और खाद्य श्रृंखला में माइक्रोप्लास्टिक्स जैसी उभरती चिंताओं से जटिल चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि खाद्य नियामकों की भूमिका पहले कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही है और इसके लिए निरंतर सहयोग, अथक नवाचार और खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
नड्डा ने वैश्विक स्तर पर जैविक खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘जैविक खेती, जो एक वैकल्पिक कीट नियंत्रण पद्धति है, को बढ़ावा देने में भारत के प्रयास सही दिशा में उठाए गए कदम हैं। लेकिन वैश्विक स्तर पर इसे और अधिक व्यापक रूप से अपनाए जाने की आवश्यकता है।’’
मंत्री ने घोषणा की कि भारत ने खाद्य सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 2024-28 तक लगभग 59 लाख अमेरिकी डॉलर के बजट के साथ एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की है।
खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भगवद गीता का हवाला देते हुए गुणवत्तापूर्ण भोजन के महत्व पर जोर दिया और 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त अनाज वितरित करने, कुपोषण को दूर करने के लिए चावल को पौष्टिक तत्वों से भरपूर बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने और देश भर में खाद्य गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं को मजबूत करने के सरकारी प्रयासों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर 2023-24 के लिए राज्य खाद्य सूचकांक का छठा संस्करण जारी किया गया। तीन राज्य केरल, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर सूचकांक में शीर्ष पर हैं।
कार्यक्रम के दौरान, एफएसएसएआई के दो पोर्टल- ‘फूड इंपोर्ट रिजेक्शन अलर्ट पोर्टल’ और ‘इंपोर्ट क्लियरेंस सिस्टम्स 2.0’ की शुरुआत की गई। इसके अलावा, मोटे अनाज से जुड़े व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शन के सहयोग से एफएसएसएआई का कुकरी शो भी पेश किया गया।
शिखर सम्मेलन में ‘ग्लोबल फूड रेगुलेटरी साइंस सोसाइटी’ के अध्यक्ष सैमुअल गोडफ्रॉय, कोडेक्स के अध्यक्ष स्टीव वेयरने, स्वास्थ्य सचिव और एफएसएसएआई के अध्यक्ष अपूर्व चन्द्र तथा एफएसएसएआई की मुख्य कार्याधिकारी जी कमला वर्धन राव ने भाग लिया।
भाषा
नेत्रपाल वैभव
वैभव
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