एमयूडीए मामला: कांग्रेस में पर्दे के पीछे राजनीतिक गतिविधियां तेज |

एमयूडीए मामला: कांग्रेस में पर्दे के पीछे राजनीतिक गतिविधियां तेज

एमयूडीए मामला: कांग्रेस में पर्दे के पीछे राजनीतिक गतिविधियां तेज

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Modified Date: October 4, 2024 / 05:18 PM IST
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Published Date: October 4, 2024 5:18 pm IST

बेंगलुरु, चार अक्टूबर (भाषा) मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ जांच के बीच कर्नाटक में कांग्रेस में पर्दे के पीछे राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं और नेताओं का एक वर्ग सिद्धरमैया के बाहर होने की स्थिति में खुद को खड़ा करने की कोशिश कर रहा है।

एमयूडीए ‘घोटाले’ पर उनके इस्तीफे की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्यूलर) की मांग के बीच, मुख्यमंत्री ने हाल के दिनों में बार-बार कहा है कि वह पद नहीं छोड़ेंगे क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह कानूनी तौर पर लड़ेंगे।

लोकायुक्त पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमयूडीए द्वारा सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बीएम को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ अलग-अलग जांच शुरू की है।

वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों जी परमेश्वर, एचसी महादेवप्पा (दोनों अनुसूचित जाति समुदाय से) और सतीश जारकीहोली (अनुसूचित जनजाति) ने हाल में मुलाकात की, जिससे ‘घोटाले’ को लेकर पार्टी आलाकमान द्वारा नेतृत्व परिवर्तन किए जाने की स्थिति में उनकी सामूहिक रणनीति के बारे में अटकलें तेज हो गईं।

इससे पहले उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने परमेश्वर और जारकीहोली से अलग-अलग मुलाकात की थी।

एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा, ‘‘यदि सिद्धरमैया को पद छोड़ने के लिए विवश किया जाता है तो परमेश्वर और शिवकुमार को शीर्ष पद की दौड़ में देखा जा रहा है।’’

जारकीहोली ने पहले कहा था कि वह 2028 में ही मुख्यमंत्री पद की दौड़ में रहेंगे जब कर्नाटक में अगले विधानसभा चुनाव होने हैं।

कांग्रेस नेतृत्व ने एमयूडीए मुद्दे पर सिद्धरमैया का समर्थन किया है और उसे उनके इस्तीफे का कोई कारण नजर नहीं आता है। सत्तारूढ़ दल ने भाजपा पर निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

आरवी देशपांडे और एमबी पाटिल जैसे कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा खुलकर जाहिर कर दी है, लेकिन कुछ वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया का बचाव करते नजर आते हैं।

वरिष्ठ पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एम वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘स्वाभाविक रूप से, हर कोई (मुख्यमंत्री बनना चाहता है)… इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी बन सकता है… वह (सिद्धरमैया) मुख्यमंत्री चुने गए हैं और वह बने रहेंगे।’’

भाषा वैभव रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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