पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध की हवा निकाल दी। एनआरसी और एनपीआर पर विधानसभा में प्रस्ताव पारित करते हुए नीतीश ने एक ओर अपनी सहयोगी बीजेपी को हैरान कर दिया, वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर मुखर हो रहे तेजस्वी यादव की बोलती भी बंद कर दी है।
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बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक विसात बिछाए जाने के साथ ही दांव पेंच भी शुरू हो गए हैं। इस चुनाव में सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दे उठाकर विपक्ष नीतीश को निशाना बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा। लेकिन नीतीश कुमार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित करते हुए साफ किया है कि एनआरसी राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। यही नहीं एनपीआर को भी 2010 के प्रारूप में संशोधन के साथ लागू किया जाएगा।
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इस कदम से नीतीश ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की बोलती बंद कर दी है। दरअसल सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर सदन में चर्चा के दौरान नीतीश जब भाषण दे रहे थे, तभी तेजस्वी ने कहा, ‘आप जो बोल रहे हैं उसे लिखित में बंटवा दीजिए और समय बर्बाद मत करिए।’ ऐसे में नीतीश की अगुआई में जेडीयू ने प्रस्ताव पारित करवाकर तेजस्वी को करारा जवाब दिया है।
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नीतीश कुमार पहले भी खुले मंच से इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि बिहार में एनआरसी लागू नही होगा। बिहार एनडीए शासन वाला ऐसा पहला राज्य है, जहां एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ है। नीतीश के इस दांव पर लाजवाब हुए तेजस्वी यादव ने विधानसभा में आए प्रस्ताव को अपनी जीत बता डाला। जाहिर है नीतीश के इस कदम के बाद तेजस्वी के पास विरोध की कोई गुंजाइश बची नहीं थी।
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वहीं नीतीश का यह कदम गठबंधन के साथी बीजेपी के लिए हैरान करने वाला है। पार्टी के सभी 54 विधायक इस प्रस्ताव के खिलाफ सदन से गैरहाजिर रहे। बीजेपी को उम्मीद नहीं थी कि नीतीश कुमार इतनी जल्दी एनआरसी के मुद्दे पर कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। हालांकि किसी विवाद से बचते हुए बीजेपी नेता और कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा, ‘हम केंद्र के नियमों के साथ हैं। लोकतंत्र में सबको प्रस्ताव लाने का अधिकार है। बिहार भी प्रस्ताव लाया है’
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इसके बाद भी जेडीयू के खिलाफ बीजेपी नेता फिलहाल तल्ख बयानबाजी से बच रहे हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन भी शुरू हो चुका है। ऐसे में नीतीश के कदम का खुलकर विरोध करने से बीजेपी बच रही है। बीजेपी को यह भी फिक्र है कि विधानसभा चुनाव से पहले कोई उल्टा-सीधा बयान कहीं गठबंधन में खटास न पैदा कर दे।