जयपुर: Watching Web Series प्रदेश की राजधानी में एक बच्ची मौत के लगभग करीब पहुंच गई और उसकी मां OTT प्लेटफॉर्म पर वेब सिरीज देखने में व्यस्त थी। आपको पता है ना जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी तब से ड्रग्स का नाम मीडिया में और बॉलीवुड में बहुत चल रहा है। एमडी ड्रग्स के बारे में तो आपने सुना ही होगा। यह वो नशा है, जो बॉडी में लगभग 48 घंटे तक रहता है और इसके शिकार सैंकड़ो लाखों लोग हो जाते हैं। इन दिनों तो लोग हॉलीवुड-बॉलीवुड के परोसे नए ड्रग्स का शिकार भी हो रहे हैं।
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Watching Web Series ड्रग्स पिछले महीनों खूब चला लेकिन फ़िलहाल मीडिया रिपोर्ट्स में एक और नशा आग की तरह फैल रहा है और वह नशा है OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म्स पर वेबसीरीज देखने का । आपको बता दें इस लत को ‘बिंज वाचिंग’ भी कहते हैं। इसमें एक बार कोई वेब सीरीज देखना शुरू करता है तो जब तक क्लाइमेक्स न आ जाए स्क्रीन से नजरें नहीं हटती।
जैसा कि आप भी जानते हैं पहले जब टेलीविजन में चलने वाले सीरियल्स को रोजाना एक-एक कर देखना पड़ता था। अगले दिन हम दूसरे भाग का बेसब्री से इंतज़ार करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज कल अत्याधुनिक मोबाइल और इंटरनेट के चलते हम किसी भी सीरियल या उसके एपिसोड्स को लगातार देख लेते हैं और इसे ही बिंज वॉचिंग कहा जाता है। साधारण तौर पर इस शब्द का प्रयोग हम वेब सीरीज के लिए करते हैं। कई बड़े प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़ॉन, MX प्लेयर जैसे प्लेटफॉर्म्स 8 -10 एपिसोड्स की वेब सीरीज बनाते हैं जिन्हें अक्सर कई यूजर्स द्वारा बिंज वॉच किया जाता है।
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और जब हम बिंज वॉचिंग के दुष्परिणाम की बात करते हैं तो कई उदाहरण सामने आते हैं। हाल ही में एक घटना सामने आई जिसमें जयपुर की एक 3 महीने की बच्ची 8 घंटे बुखार में तड़पती रही और ऐसा नहीं है कि कोई उसके पास नहीं था ।बच्ची की मां ओटीटी पर वेबसीरीज देखने में इतनी व्यस्त थी कि उसकी मां को इसका एहसास ही नहीं हुआ । अगर सही वक्त पर पिता नहीं पहुंचता तो हाई फीवर से मासूम बच्ची की मौत तक हो सकती थी।
वहीं अगर साइकेट्रिस्ट और साइकोलोजिस्ट ने माना कि एक बार में 8 घंटे की वेबसीरीज देखना ड्रग्स के एडिक्शन की तरह है। उन्होंने बताया कि उनके पास रोज 4 से 5 ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें यूजर की पर्सनैलिटी तक इस नशे से चेंज हो रही है।
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वहीं अगर आपको बता दें कि नेटफ्लिक्स के कुछ आंकड़ों के मुताबिक, इसके कुल 61% उपयोगकर्ता समय-समय पर अपने पसंदीदा टीवी शो देखते हैं। इसलिए दुनिया भर में बहुत से लोग बिंज वॉच टीवी शो देखते रहते हैं। निसंदेह अपने पसंदीदा शो को एक के बाद एक…बार-बार देखना बहुत अद्भुत लगता है। लेकिन इसका आपके मस्तिष्क पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता कभी आपने सोचा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं घंटों तक लगातार स्क्रीन के आगे बैठे रहने से हमारी आंखों पर इसका बेहद गंभीर प्रभाव पड़ता है और प्रभाव पड़ने के साथ साथ यह एक एडिक्शन की तरह हमें अपने साथ जोड़ते जाता है।
एक केस स्टडी के अनुसार भारत में प्रत्येक 5 में से 4 स्मार्टफोन यूजर्स लगातार OTT पर अपना पसंदीदा कंटेंट देखते हैं। वहीं साल 2020 की बात करे तो 2020 तक ही ओटीटी एप्स सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले ऐप बन गए थे। हमने अभी बिंज वॉचिंग की बात करी आपको जानकर हैरानी होगी कि बिज वाचिंग पर भारत में दिसम्बर 2021 में एक स्टडी पब्लिश हुई थी और इस स्टडी में कई कारण गिनाए गए थे । बताया गया कि इस चलन का सबसे बड़ा कारण कोरोना महामारी को बताया गया है। स्टडी कहती है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों के टाइमपास का सबसे बड़ा जरिया मोबाइल और ओटीटी प्लेटफार्म बन गया। अगर उदाहरण के तौर पर देखें तो नेटफ्लिक्स के 2012 में 5 मिलियन सब्सक्राइबर थे, जो वर्ष 2020 में 167 मिलियन हो गए। अब 220 मिलियन ग्राहक हैं। मतलब यह जो इज़ाफा हुआ है यह इस स्टडी को बिल्कुल सटीक और सही बताता है।
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साइकोलॉजिस्ट और उनके आधार पर मीडिया रिपोर्ट्स बताती है कि आपको वेब सीटीज देखने का समय सीमित या निर्धारित करना होगा वहीं डॉक्टर्स कहते हैं कि दो घंटे का समय बहुत है। इसके अलावा आपको लत महसूस होते ही अपना ध्यान पढ़ाई या जॉब में लगाने का प्रयास करना चाहिए अगर जॉब करते हैं तो जॉब में और पढ़ाई करते हैं तो पढ़ाई में। और एक बात यह तो हर जगह बताई जाती है कि फैमिली या दोस्तों के साथ समय बिताना चाहिए । सुबह और शाम को वॉक करना या फिर या खेलने का समय तय करना चाहिए और यदि सीरिज के कंटेंट से आपके अंदर यदि चिड़चिड़ेपन या झगड़ने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, तो तत्काल साइकोलोजिस्ट या साइकेट्रिस्ट से काउंसलिंग लेनी चाहिए ।