चेन्नई, 17 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी धन शोधन मामले की जांच में पूछताछ के सिलसिले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि मंत्री का बयान धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया।
केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) ने जुलाई में पोनमुडी (74), द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के एक नेता, उनके पूर्व सांसद बेटे पी गौतम सिगामणि और कुछ पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन के मामले के सिलसिले में 14 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।
लाल मिट्टी के कथित अवैध खनन से संबंधित धन शोधन का मामला राज्य पुलिस (अपराध शाखा) की प्राथमिकी के बाद शुरू हुआ।
ईडी ने पिछले साल जुलाई में मंत्री के परिसरों पर छापेमारी की थी और तब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा था कि यह कार्रवाई भाजपा नीत केंद्र सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा था कि 2007-2010 के दौरान जब पोनमुडी खान मंत्री थे, उन्होंने डॉ. पी गौतम सिगामणि, सिगामणि के रिश्तेदार के एस राजमहेंद्रन और जयचंद्रन के नाम पर पांच लाइसेंस जारी किए, जिन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने लाल मिट्टी के खनन में सिगामणि के लिए काम किया था।
इसमें आरोप लगाया गया था कि अनुमत सीमा से अधिक अवैध रूप से 25.7 करोड़ रुपये की लाल मिट्टी निकाली गई तथा बिक्री से प्राप्त राशि का विदेशी इकाई में निवेश किया गया।
भाषा योगेश नरेश
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