पुणे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप की धर्मसभा रविवार को संपन्न हो गई। वहीं पुणे में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि थी, वह दूसरी नहीं होती, तीसरी नहीं होती। अयोध्या का मंदिर बाबर के सेनापति ने ढहाया। उनका मंदिर नही बनेगा तो कैसे चलेगा। भारत का समाज कानून से चलनेवाला समाज है इसलिए 30 साल लगे।
उन्होंने कहा कि पूरा देश राम मंदिर मुद्दे पर साथ खड़ा हो। भगवान के वक्त अयोध्या में कोई वक्फ और अखाड़ा नहीं था। संघ प्रमुख ने कहा कि राम मंदिर निर्माण पर कानून बनाए सरकार, जनहित के मुद्दों को टालने का क्या मतलब है। मामला कोर्ट में है। इस मामले पर फैसला जल्द से जल्द आना चाहिए। ये भी साबित हो चुका है कि वहां मंदिर था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को प्राथमिकता नहीं दे रहा है। मोहन भागवत ने कहा कि अगर किसी कारण, अपनी व्यस्तता के कारण या समाज की संवेदना को न जानने के कारण कोर्ट की प्राथमिकता नहीं है तो सरकार सोचे कि इस मंदिर को बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है और जल्द ही कानून को लाए। यही उचित है।
भागवत ने कहा कि 80 के दशक से जो प्रयास करने वाले लोग है उन्ही के हाथ से मंदिर बनना चाहिए। राम मंदिर बनने के लिए समस्त समाज को हम इकट्ठा करेंगे। सरकार को जल्द से जल्द राम मंदिर पर कानून बनाना चाहिए। श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर का औचित्य सिद्ध हो चुका है। सभी प्रकार के तर्क के बाद कोर्ट का निर्णय आया। अब कोर्ट के निर्णय को टाला जा रहा है।
यह भी पढ़ें : मप्र में मतदान से 72 घंटे पूर्व 40 शराब फैक्ट्री और 80 गोदाम सील, 456 नाके भी
उन्होंने कहा, एक साल पहले मैंने कहा था कि धैर्य रखना, लेकिन अब धैर्य नहीं रखना है बल्कि जन जागरण करना है। मंदिर के मसले पर लड़ना नहीं है लेकिन अड़ना है। पूरा देश राम मंदिर पर एक साथ खड़े हो। राम मंदिर के लिए जनता सरकार पर दबाव बनाए। मोहन भागवत ने कहा कि बाबर को मुसलमान से जोड़ना गलत है। जांच में पाया गया कि नीचे मंदिर था। समाज केवल कानून से नही चलता समाज को भी समझना पड़ता है।