नई दिल्ली। सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का कानून बनाने के बाद केंद्र की मोदी सरकर अब देश के निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने की तैयारी में है। सरकार इसके लिए एक विधेयक लाने जा रही है जो संसद के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अभी ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसके जरिए निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में आरक्षण लागू किया जाए, जबकि संविधान संशोधन करके यह प्रावधान किया जा चुका है। इसलिए मंत्रालय एक नया विधेयक तैयार करेगा। इस विधेयक के माध्यम से न सिर्फ सामान्य श्रेणी के गरीब छात्रों को निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण मिलेगा, बल्कि एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के छात्रों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।
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सूत्रों की मानें तो इस विधेयक को दो सप्ताह में केंद्रीय कैबिनेट को भेज दिया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे संसद में पारित होने के लिए भेजा जाएगा। बता देंकि कि सामान्य श्रेणी के गरीबों के लिए लागू हुए आरक्षण को निजी संस्थानों पर भी लागू करने के मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के ऐलान के बाद सवाल उठ रहे थे कि बिना कानून कैसे संभव है। इसी के जवाब में मंत्रालय ने यह विधेयक लाने का फैसला किया है।
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