नई दिल्ली: मोदी सरकार के सैन्य भर्ती से जुड़ी अग्निवीर योजना पर ग्रहण लग सकता हैं। इसकी सूत्रधार होगी जेडीयू। नए मोदी सरकार में टीडीपी के साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की बड़ी भूमिका होगी। भाजपा के पास बहुमत नहीं हैं लिहाजा उन्हें जेडीयू और टीडीपी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनानी होगी। जाहिर हैं ऐसे में मोदी सरकार के योजनाओं के क्रियान्वयन पर सीधा असर पड़ेगा। खाकर ऐसी योजनाएं जो विवादों में रही है और जिनपर विपक्ष लगातार सवाल खड़ा करता रहा हैं। अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस काफी मुखर रही हैं। हालाँकि जेडीयू ने पहली बार इस योजना पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं।
जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता किसी त्यागी ने एक टीवी चैनल से हुई बातचीत में कहा हैं कि अग्निवीर योजना पर फिर से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना का चुनावों में विरोध हुआ था। इस विरोध का असर चुनाव नतीजों में देखने को मिला। कांग्रेस ने आम चुनाव में अग्निवीर को बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस ने साफ कहा था कि सत्ता में आने के बाद अग्निवीर योजना को कूड़े के डब्बे में डाल देंगे। वहीं, अग्निवीर योजना में जिन राज्यों में सबसे अधिक भर्ती हुई, उन राज्यों में बीजेपी की सीटें भी कम हुईं। हरियाणा में पार्टी की सीट 10 से घटकर 5 पर सिमट गई। इतना ही नहीं यहां पार्टी का वोट शेयर भी 58 फीसदी से घटकर 46 फीसदी हो गई। पंजाब में तो बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई। राजस्थान में भी बीजेपी 24 से घटकर 14 ही रह गई।