नई दिल्ली: सत्ता में आते ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में अपना काम शुरू कर दिया है। सरकार तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। बता दें लोकसभा चुनाव 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने इसे एक अहम मुद्दा बनाया था। तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार विधि आयोग की रिपोर्ट पर भी गौर करेगी।
तीन तलाक बील को लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को मीडिया से रूबरू होकर कहा कि सरकार एक बार फिर फौरी तीन तलाक की प्रथा पर पाबंदी के लिए संसद में विधेयक लाएगी। 16वीं लोकसभा भंग होने के साथ तीन तलाक पर लाए गए विधेयक की मियाद खत्म हो गई थी, क्यों कि यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया था। राज्यसभा में यह बिल लंबित रह गया था। हालांकि राज्यसभा में पेश किया गया और लंबित विधेयक लोकसभा के भंग होने के साथ समाप्त नहीं होता, लेकिन लोकसभा से पारित और राज्यसभा में लंबित विधेयक की मियाद समाप्त हो जाती है।
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ज्ञात हो कि किसी भी बिल के पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनों में पर्याप्त बहुमत का होना जरूरी है। तीन तलाक के बील को लेकर विपक्ष राज्यसभा में विधेयक के प्रावधानों का विरोध कर रहा था, जहां पर सरकार के पास इसे पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं थी।