नई दिल्ली: Waqf Board Amendment Bill केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्डों की नकेल कसने जा रही है। सरकार बोर्ड के उस अधिकार को कम करना चाहती है जिसके तहत वो किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित करके उस पर नियंत्रण कर सकता है। 40 प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार वक्फ बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा।
Waqf Board Amendment Bill फिलहाल वक्फ बोर्ड के पास देश भर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्ड के दावों का अनिवार्य रूप से वेरिफिकेशन किया जाएगा। ऐसा ही एक अनिवार्य वेरिफिकेशन उन संपत्तियों के लिए भी प्रस्तावित किया गया है, जिनके लिए वक्फ बोर्ड और व्यक्तिगत मालिकों ने दावे और जवाबी दावे किए हैं।
आपको बता दे कि संसद में वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन को लेकर बवाल मचा है। संसद के मानसून सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार आज यानी सोमवार को एक बिल लेकर आ सकती है, जिसके जरिए वह वक्फ बोर्ड के अधिकारों में संशोधन करेगी। वक्फ एक्ट में जो बदलाव लाने का प्रस्ताव है, अगर वे लागू हो जाते हैं तो वक्फ बोर्ड का स्वरूप और उसके अधिकारों पर काफी प्रभाव पड़ेगा। उसकी शक्तियां काफी सीमित हो जाएंगी।
वक्फ का मतलब होता है ‘अल्लाह के नाम’, यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है। वक्फ बोर्ड का एक सर्वेयर होता है। वही तय करता है कि कौन सी संपत्ति वक्फ की है, कौन सी नहीं। इस निर्धारण के तीन आधार होते हैं- अगर किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ के नाम कर दी, अगर कोई मुसलमान या मुस्लिम संस्था जमीन की लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा है या फिर सर्वे में जमीन का वक्फ की संपत्ति होना साबित हुआ। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। जिससे इन जमीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और गैरकानूनी तरीकों से बेचने पर रोक के लिए बनाया गया था।
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