मोदी सरकार ला रही ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’,पूरे देश में होगा एक ही फॉर्मेट | one nation one ration card format, Modi government bringing 'one nation one ration card', There will be only one format in the whole country

मोदी सरकार ला रही ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’,पूरे देश में होगा एक ही फॉर्मेट

मोदी सरकार ला रही ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’,पूरे देश में होगा एक ही फॉर्मेट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : December 19, 2019/10:18 am IST

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’के अभियान को आगे बढ़ाते हुए राशन कार्ड का आदर्श रुप तैयार किया है। मोदी सरकार ने देश के सभी राज्यों से कहा है कि नया राशन कार्ड जारी करते हुए वे इसी फॉर्मेंट को लागू करें।

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दरअसल मोदी सरकार ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को 1 जून, 2020 से पूरे देश में लागू करना चाहती है. ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के पूरे देश में लागू होने के बाद कोई भी कार्डधारी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत किसी भी राज्य में राशन की दुकान से अपना राशन ले सकेगा। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, ‘राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह आवश्यक है कि देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जो भी राशन कार्ड जारी करें वे सभी एक फार्मेट में हों। केंद्र सरकार ने इस वजह से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन जारी करने के लिए स्टेंडर्ड फार्मेट जारी किया गया है।’

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केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, विभिन्न राज्यों के द्वारा जब भी नया राशन कार्ड जारी किया जाए, इसे नए प्रारूप के अनुरूप ही जारी करें। इस संबंध में ये भी निर्देश दिया है कि मानक राशन कार्ड में राशन कार्ड धारक का जरूरी ब्योरा शामिल किया गया है और राज्य चाहें तो इसमें अपनी जरूरत के मुताबिक कुछ और जोड़ सकते हैं।

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मानक राशन कार्ड दो भाषाओं में जारी किया जाए। एक स्थानीय भाषा के साथ ही इसमें दूसरी भाषा हिन्दी अथवा अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को अमल में लाने में मदद मिलेगी। राज्यों से कहा गया है कि वह 10 अंकों वाला राशन कार्ड जारी करें जिसमें पहले दो अंक राज्य कोड होगा और अगले अंक राशन कार्ड संख्या के अनुरूप होंगे। इसमें अगले दो अंक राशन कार्ड में परिवार के प्रत्येक सदस्य की पहचान के तौर पर शामिल होंगे। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में 81.35 करोड़ लाभार्थियों के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 75 करोड़ लाभार्थियों को शामिल किया गया है।