माकपा के नाराजगी जताए जाने के बाद विधायक अनवर ने सार्वजनिक बयानबाजी रोकी |

माकपा के नाराजगी जताए जाने के बाद विधायक अनवर ने सार्वजनिक बयानबाजी रोकी

माकपा के नाराजगी जताए जाने के बाद विधायक अनवर ने सार्वजनिक बयानबाजी रोकी

:   Modified Date:  September 23, 2024 / 12:54 AM IST, Published Date : September 23, 2024/12:54 am IST

तिरुवनंतपुरम, 22 सितंबर (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के रविवार को वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के निर्दलीय विधायक पी.वी. अनवर द्वारा मीडिया के माध्यम से पार्टी और सरकार के खिलाफ लगातार आरोप लगाये जाने पर नाराजगी व्यक्त किए जाने के बाद अनवर ने रविवार को अपने सार्वजनिक बयानों पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की।

सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर पोस्ट में अनवर ने अपनी शिकायतों के संबंध में माकपा के आश्वासन पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने दो सप्ताह तक मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के करीबी विश्वासपात्रों की आलोचना की थी।

उन्होंने उम्मीद जतायी है कि पार्टी उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेगी और जिन लोगों पर उन्होंने आरोप लगाया है उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

उन्होंने कहा कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं उनमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का आरएसएस नेताओं से मिलना, सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले यूट्यूब चैनल को समर्थन, त्रिशूर पूरम में व्यवधान, सोने की तस्करी और कई अन्य गंभीर चिंताएं शामिल हैं।

अनवर ने कहा, ‘मुझे एहसास है कि इससे मेरी पार्टी के प्रिय साथियों को ठेस पहुंची है और इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। मेरे पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। मैं आप सभी से माफी मांगता हूं।’

अनवर ने कहा कि माकपा एक अलग तरह की पार्टी है और उनका दृढ़ विश्वास है कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा।

इससे पहले माकपा ने उनके आरोपों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि ये (आरोप) पार्टी के शत्रुओं के लिए हथियार बन गए हैं। माकपा ने अनवर से कहा कि वह ऐसी हरकतों से दूर रहें।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा अनवर के आरोपों पर प्रतिक्रिया दिए जाने के बाद भी अनवर द्वारा हमले तेज करने तथा नरमी नहीं बरतने के एक दिन बाद, माकपा के राज्य सचिवालय ने कहा कि वह नीलांबुर विधायक के रुख से सहमत नहीं है।

माकपा ने कहा कि विधानसभा और नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के एक निर्दलीय विधायक के रूप में कार्य कर रहे अनवर ने मुख्यमंत्री को कुछ मुद्दों से संबंधित लिखित आरोप सौंपे हैं, जिसकी एक प्रति पार्टी के प्रदेश सचिव को भी दी गई है।

बयान में कहा गया है कि शिकायत में उल्लिखित मामले सरकार द्वारा जांच के अधीन हैं और ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पार्टी को विचार करने की आवश्यकता है।

माकपा ने कहा, ‘‘इन तथ्यों के बीच वह लगातार मीडिया के माध्यम से सरकार और पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं। पार्टी अनवर के इस रुख से सहमत नहीं है। उन्होंने जो रुख अपनाया है, वह पार्टी के दुश्मनों के लिए सरकार और पार्टी दोनों पर हमला करने का हथियार बन गया है।’’

पार्टी ने माकपा संसदीय दल के सदस्य अनवर से आग्रह किया कि वे ‘‘ऐसे रुख पर पुनर्विचार करें और पार्टी को कमजोर करने के दृष्टिकोण से दूर रहें।’’ अनवर ने इस नये घटनाक्रम पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

शनिवार को विजयन द्वारा अपने राजनीतिक सचिव का बचाव करने के बाद अनवर ने दावा किया था कि शशि ने सोने की तस्करी सहित विभिन्न प्रशासनिक मामलों पर मुख्यमंत्री को गुमराह किया है। विधायक ने संदेह जताया था कि शशि सोने के तस्करों से रिश्वत ले रहे हैं।

इससे पहले शनिवार को विजयन ने कहा था कि शशि माकपा की प्रदेश समिति के सदस्य हैं और पार्टी के निर्देशानुसार उनके राजनीतिक सचिव के रूप में अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं।

शाम को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एडीजीपी (कानून व्यवस्था) पर गंभीर आरोप लगाने वाले अनवर ने कहा कि वे पुलिस बल के भीतर उपद्रवी तत्वों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

विजयन ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने के लिए भी अनवर पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि वाम समर्थित विधायक को मीडिया में जाने से पहले पार्टी या मुख्यमंत्री से संपर्क करना चाहिए था।

इस बीच, कांग्रेस ने रविवार को इस मुद्दे पर माकपा और मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया।

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने आरोप लगाया, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक लगातार मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रेस वार्ता कर रहे हैं। हो सकता है कि वे डर के कारण कार्रवाई नहीं कर रहे हों।’’

भाषा

शुभम रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)