नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से संबंधित घटना को लेकर गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास से आग लगने के बाद कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।
न्यायालय के बयान में कहा गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरण का प्रस्ताव स्वतंत्र है और आंतरिक जांच प्रक्रिया से अलग है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सूचना मिलने पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने साक्ष्य और सूचना एकत्रित करने के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू की।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय, जिन्होंने 20 मार्च की कॉलेजियम की बैठक से पहले जांच शुरू कर दी थी, आज ही प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।
इसपर (रिपोर्ट पर) गौर करने के बाद, अदालत ‘‘आगे और आवश्यक’’ कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेगी।
भाषा देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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