गलत सूचना, फर्जी खबरों में समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने की ताकत होती है: अमित शाह |

गलत सूचना, फर्जी खबरों में समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने की ताकत होती है: अमित शाह

गलत सूचना, फर्जी खबरों में समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने की ताकत होती है: अमित शाह

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Modified Date: December 23, 2024 / 10:12 PM IST
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Published Date: December 23, 2024 10:12 pm IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि गलत सूचना, भ्रामक सूचना और फर्जी खबरों में इतनी ताकत होती है कि ये नयी तकनीक के साथ हमारे समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने के लिए तैयार रहते हैं।

शाह ने यह भी रेखांकित किया कि देश में विभाजनकारी ताकतें अभी भी सक्रिय हैं।

शाह ने ‘37वें इंटेलिजेंस ब्यूरो सेन्टनेरी इंडाउमेंट व्याख्यान’ देते हुए कहा कि जिस समाज में सामाजिक एकता ही न हो, वो देश किसी भी मायने में प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इन सब चुनौतियों का जवाब देने और पूरी पुलिस बल को जवाब देने के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी आज देश के सूचना वीरों की है।

उन्होंने कहा कि खतरों की तुरंत पहचान करके और उन्हें खत्म करके, खुफिया तंत्र समाज के भीतर विश्वास और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।

उन्होंने कहा कि यदि नक्सलवाद, आतंकवाद, संगठित अपराध, विभाजनकारी ताकतों, सांप्रदायिकता, मादक पदार्थों और असामाजिक तत्वों जैसी चुनौतियों पर पूरी तरह से काबू पाना है, तो समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे जरूरी है।

शाह ने कहा कि गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है और दुष्प्रचार के प्रसार को शून्य तक कम करने के लिए एक रणनीति, तकनीक और तत्परता की जरूरत है।

गृहमंत्री शाह ने कहा कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) को विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए खुद को अत्याधुनिक एजेंसी बनने के लिए तैयार करना होगा।

उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। शाह ने कहा कि ‘‘जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, प्रतिस्पर्धा तेज होती है, खतरे बढ़ते हैं और अवरोधक ताकतें उभरती हैं।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यालय से लेकर पुलिस थानों और कांस्टेबलों तक इन खतरों से निपटने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण युवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि 2047 तक पूर्ण विकसित भारत को प्राप्त करने के लिए, हमें सभी संभावित खतरों की कल्पना करनी चाहिए और राष्ट्र को उनसे बचाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करना चाहिए।

शाह ने कहा, ‘‘देश में शांति और स्थिरता के साथ-साथ समावेशी विकास तभी संभव है जब हम इस विस्तारित परिभाषा के तहत अपने काम को नया रूप दें, नए सिरे से तैयारी करें और सतर्क रहें।’’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत पिछले 10 वर्षों में आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद, मादक पदार्थों और अराजक तत्वों से निपटने में महत्वपूर्ण सफलताएं मिली हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के तहत राज्यों और एजेंसियों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने पर भी बड़ा ध्यान दिया गया है और उन्हें कानून के समर्थन और कई कानूनों में संशोधन के साथ मजबूत किया गया है।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कई बैठकों में सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून पेश किए। उन्होंने कहा कि वे कानूनों के मसौदे को तैयार करने में पूरी तरह शामिल थे। मंत्री ने दावा किया कि इनका पूर्ण क्रियान्वयन होने के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक हो जाएगी तथा किसी भी प्राथमिकी के दर्ज होने के तीन साल के भीतर न्याय मिल जाएगा, यहां तक ​​कि उच्चतम न्यायालय तक।

भाषा अमित माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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