नाले में गिरकर मां-बेटे की मौत मामले में अदालत के आदेश को लेकर गलत सूचना फैलाई जा रही: डीडीए |

नाले में गिरकर मां-बेटे की मौत मामले में अदालत के आदेश को लेकर गलत सूचना फैलाई जा रही: डीडीए

नाले में गिरकर मां-बेटे की मौत मामले में अदालत के आदेश को लेकर गलत सूचना फैलाई जा रही: डीडीए

:   Modified Date:  September 9, 2024 / 05:10 PM IST, Published Date : September 9, 2024/5:10 pm IST

नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने सोमवार को दावा किया कि गाजीपुर पेपर मार्केट के पास खुले नाले में गिरकर मां-बेटे की मौत के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर विभाग और उपराज्यपाल (एलजी) के बारे में गलत जानकारी फैलाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि जिस नाले में यह घटना हुई, वह दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है।

उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार कहा था कि खुल नाले में गिरकर मां-बेटे की मौत के मामले में डीडीए मृतकों के कानूनी उत्तराधिकारियों को मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपये दे।

शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने दिल्ली के उपराज्यपाल और भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि मां-बेटे की मौत डीडीए के नाले में डूबने से हुई।

डीडीए द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 31 जुलाई की इस घटना के संबंध में पांच सितंबर के उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर डीडीए और एलजी पर लगाए जा रहे विभिन्न आरोपों और गलत जानकारी की प्रतिक्रिया में प्राधिकरण अपने पिछले रुख पर कायम है।

इसमें कहा गया कि डीडीए ने विवादों में उलझे बिना उच्च न्यायालय के समक्ष मृतकों-तनूजा (23) और प्रियांश (तीन), के कानूनी उत्तराधिकारी को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। इस दौरान उसने अपने दायित्व को स्वीकार नहीं किया था।

बयान में कहा गया, ‘‘डीडीए ने मानवीय आधार पर मुआवजा देने पर सहमति जताई है। डीडीए का रुख यह था कि जिस खुले नाले में यह दुर्घटना हुई, वह नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस नाले के साथ-साथ 9.9 किलोमीटर लंबी सड़क को डीडीए ने 26.05 करोड़ रुपये के ‘डेफिशिएन्सी चार्ज’ का भुगतान कर मार्च 2023 में नगर निगम को सौंप दिया था। डीडीए अभी भी उसी रुख पर कायम है।’’

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अधीनस्थ अदालत उसके द्वारा जारी आदेशों से प्रभावित न होकर अपनी कार्यवाही जारी रखेगी। इसमें कहा गया कि निराधार गलत सूचना फैलाने वाले निहित स्वार्थी तत्वों को किसी भी तरह की भ्रामक बयानबाजी न करने की सलाह दी जाती है।

बयान में कहा गया कि डीडीए इस संबंध में एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्पष्ट तौर पर खंडन करता है।

इस मुद्दे पर एलजी के इस्तीफे की मांग करते हुए कक्कड़ ने आरोप लगाया था कि उन्होंने (एलजी) और भाजपा ने यह कहकर आप को बदनाम किया कि मौतें ‘आप’ शासित दिल्ली नगर निगम क्षेत्र के नाले में डूबने से हुई हैं।

उन्होंने दावा किया था, ‘‘उच्च न्यायालय में यह साबित हो चुका है कि नाला डीडीए का है, फिर भी एलजी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अदालत ने डीडीए के प्रति असंतोष जाहिर किया और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया।’’

भाषा

खारी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)