संभल (उप्र), 24 नवंबर (भाषा) संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को सर्वेक्षण का कार्य दूसरी बार शुरू हुआ लेकिन इस बीच अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगाने की भी कोशिश की।
एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है।
दरअसल स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले हरिहर मंदिर था।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार विवादित स्थल पर अदालत के आदेश के तहत ‘‘एडवोकेट कमिश्नर’’ ने दूसरी बार सर्वेक्षण कार्य सुबह सात बजे के आसपास शुरू किया और इस दौरान मौके पर भीड़ जमा होने लगी।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, ‘‘ घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में से कुछ उपद्रवी बाहर आए और उन्होंने पुलिस दल पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे।’’
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ड्रोन, सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से लोगों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से एक-दो पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने कहा, ‘‘ हमने पथराव की घटना के सिलसिले में करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।’’
पेसिया ने पत्रकारों से कहा कि उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया और अब उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
संभल में पथराव और आगजनी पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ संभल में स्थिति नियंत्रण में है और हम हालात पर नजर रख रहे हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर हैं। जल्द ही असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
संभल में सर्वेक्षण स्थल के पास कथित तौर पर पुलिस पर पथराव करते युवाओं के वीडियो सार्वजनिक हुए हैं।
उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) चंदौसी के आदेश पर ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने सुबह 7.30 से 10 बजे तक सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया, वहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी हुई और अब ‘एडवोकेट कमिश्नर’ 29 नवंबर तक अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।’’
इसके पहले जैन ने बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने बताया था कि अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे।
जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है।
विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित पूजा स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है।
हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि ‘‘बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा, ‘‘संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। उच्चतम न्यायालय ने 1991 में एक आदेश में कहा था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे।’’
इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
भाषा सं आनन्द शोभना
शोभना
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