मणिपुर में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एनआरसी लागू करे केंद्र : मेइती संगठन |

मणिपुर में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एनआरसी लागू करे केंद्र : मेइती संगठन

मणिपुर में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एनआरसी लागू करे केंद्र : मेइती संगठन

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Modified Date: January 19, 2025 / 08:19 PM IST
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Published Date: January 19, 2025 8:19 pm IST

इंफाल, 19 जनवरी (भाषा) मेइती समूह ‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) ने रविवार को केंद्र सरकार से म्यांमा के अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की मांग की।

सीओसीओएमआई ने सरकार से अवैध तरीके से राज्य में दाखिल होने और हथियारों व मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए जल्द से जल्द भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा करने का भी आग्रह किया।

संगठन के समन्वयक सोमेंद्रो थोकचोम ने कहा, ‘‘इस महीने की शुरुआत में कडांगबंद में हुए बम धमाके के बावजूद केंद्र ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह दर्शाता है कि राज्य के लोगों को देश का नागरिक नहीं माना जा रहा है।”

संदिग्ध उग्रवादियों ने 14 जनवरी को मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के कडांगबंद इलाके में बम धमाका किया था।

थोकचोम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह संघर्ष तभी समाप्त होगा जब केंद्र निश्चित कार्रवाई और कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करेगा।’’

इंफाल घाटी के कई नागरिक समाज संगठनों ने सरकार से कुकी जो उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की ताकि राज्य में जारी संघर्ष को समाप्त किया जा सके।

थोकचोम ने कहा, ‘‘घुसपैठियों की पहचान के लिए (मणिपुर में) एनआरसी लागू किया जाना चाहिए। म्यांमा के लोगों के लिए शरणार्थी हिरासत शिविर केवल मणिपुर तक ही सीमित नहीं होने चाहिए। राज्य के पास सीमित भूमि संसाधन हैं। अन्य राज्यों में भी शिविर स्थापित किए जाने चाहिए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र को म्यांमा सीमा पर जल्द से जल्द बाड़ लगाने का काम पूरा करना चाहिए ताकि घुसपैठियों के साथ-साथ पड़ोसी देश से हथियारों व मादक पदार्थों की तस्करी को रोका जा सके।

थोकचोम ने कहा, “म्यांमा से मणिपुर में घुसपैठ, हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी राज्य में संघर्ष के मुख्य मुद्दे बने हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “राज्य की स्थिति में शायद ही कोई सुधार हुआ है। किसी भी कार्रवाई के कोई संकेत नहीं हैं।”

भाषा जितेंद्र धीरज

धीरज

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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