(दीपक रंजन)
नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) भारत चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया में एक प्रमुख ठिकाने के तौर पर उभरा है और पिछले एक दशक में औसतन प्रतिदिन 861 विदेशी पर्यटक चिकित्सा कारणों से भारत आए।
पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2009 से 2019 तक 11 वर्षो के दौरान चिकित्सा कारणों से भारत में कुल विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) संख्या 34,58,737 दर्ज की गई जो औसतन प्रतिदिन के हिसाब से 861 पर्यटक होती है।
चिकित्सा कारणों से वर्ष 2009 में 1,12,389 पर्यटक, वर्ष 2010 में 1,15,944 पर्यटक, वर्ष 2011 में 1,38,803 पर्यटक, वर्ष 2012 में 1,71,021 पर्यटक, वर्ष 2013 में 2,36,898 पर्यटक, वर्ष 2014 में 1,39,447 पर्यटक, वर्ष 2015 में 2,33,918 पर्यटक, वर्ष 2016 में 4,27,010 पर्यटक, वर्ष 2017 में 4,95,056 पर्यटक, वर्ष 2018 में 6,40,798 पर्यटक और वर्ष 2019 में 6,97,453 पर्यटक भारत आए ।
वर्ष 2020 में हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण आवाजाही पर पाबंदी लगाये जाने के मद्देनजर दुनियाभर में पर्यटन प्रभावित रहा ।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘ चिकित्सा पर्यटन के लिए भारत सबसे पसंदीदा जगह है क्योंकि हमारे पास पहले से ही चिकित्सा, योग, आयुष है । आने वाले समय में देश के विभिन्न क्षेत्रों में हजारों की संख्या में स्वस्थ्य परिचर्या केंद्र (वेलनेस सेंटर) स्थापित किये जायेंगे जिससे न केवल देश-विदेश के पर्यटकों को लाभ होगा बल्कि चिकित्सा पर्यटन के साथ ‘‘वेलनेस टूरिज्म’’ को बढ़ावा मिलेगा ।
पर्यटन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्नत चिकित्सा सुविधाएं, बेहतर डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मी, उत्कृष्ट नर्सिंग सेवाएं अपेक्षाकृत कम प्रतीक्षा समय एवं एलोपैथिक चिकित्सा के साथ साथ आयुर्वेद व योग जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां भारत को एक पसंदीदा चिकित्सा पर्यटन गंतव्य बनाते हैं।
एशियाई देशों में चिकित्सा पर्यटन के लिहाज से भारत का शीर्ष स्थान है और उसका मुकाबला सिंगापुर, जापान, चीन, थाईलैंड जैसे देशों से है ।
चिकित्सा कारणों से भारत आने वाले विदेश पर्यटकों में एशियाई देशों के अलावा अफ्रीकी, लैतिनी अमेरिकी, यूरोपीय देशों के पर्यटक भी शामिल हैं । इनमें से प्रमुख देशों में बांग्लादेश, इराक, मालदीव, अफगानिस्तान, ओमान, यमन, सूडान, केन्या, नाइजीरिया, तंजानिया, सऊदी अरब, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमा, मॉरिशस, बहरीन शामिल हैं ।
इसके अलावा, तुर्की, कनाडा, फिलीपींस, कजाख्तान, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, जर्मनी, मिस्र, यूक्रेन, ईरान, स्वीडन, ब्राजील, मैक्सिको, भूटान जैसे देशों से भी चिकित्सा कारणों से भारत आए ।
हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने कहा था कि भारत की स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं में प्रगति से भारत में चिकित्सा पर्यटन में वृद्धि हुई है और चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमने मेडिकल वीजा जारी करना प्रारंभ कर दिया है ।
कोविड-19 के कारण लगाई गई पाबंदियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि शीघ्र ही फिर से ई-टूरिस्ट वीजा शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। पर्यटन मंत्रालय के विवरण के अनुसार, विदेशों से मरीज मुख्य रूप से जिन बीमारियों का इलाज कराने भारत आते हैं, उनमें अंग प्रतिरोपण, हृदय संबंधी सर्जरी, अस्थिमज्जा प्रतिरोपण, कूल्हे को बदलना, प्लास्टिक सर्जरी, जीन थेरेपी आदि शामिल है ।
भाषा दीपक
प्रशांत पवनेश
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