विदेश मंत्रालय ने ‘विदेश मामलों में सहयोग’ के लिए सचिव नियुक्त करने को लेकर केरल सरकार की आलोचना की |

विदेश मंत्रालय ने ‘विदेश मामलों में सहयोग’ के लिए सचिव नियुक्त करने को लेकर केरल सरकार की आलोचना की

विदेश मंत्रालय ने ‘विदेश मामलों में सहयोग’ के लिए सचिव नियुक्त करने को लेकर केरल सरकार की आलोचना की

:   Modified Date:  July 25, 2024 / 10:39 PM IST, Published Date : July 25, 2024/10:39 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकारों को अपने संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने यह टिप्पणी ‘‘विदेश मामलों में सहयोग’’ के लिए एक सचिव नियुक्त करने के लिए केरल सरकार की आलोचना करते हुए की।

संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विदेशी मामलों से संबंधित मामलों में ‘एकमात्र विशेषाधिकार’ केंद्र सरकार का होता है।

पंद्रह जुलाई को केरल सरकार ने एक आदेश जारी करके श्रम एवं कौशल विभाग के सचिव के. वासुकी को ‘विदेश सहयोग से जुड़े मामलों’ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा।

मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची सूची 1-संघ सूची, विषय 10 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि विदेशी मामले और वे सभी मामले जो संघ को किसी अन्य देश के साथ संबंध में लाते हैं, संघ सरकार का एकमात्र विशेषाधिकार हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘यह समवर्ती विषय नहीं है और निश्चित रूप से राज्य का विषय भी नहीं है। हमारा रुख यह है कि राज्य सरकारों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जो उनके संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर हों।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद पी पी चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में यह मुद्दा उठाया था और केरल सरकार की कार्रवाई को ‘असंवैधानिक’ और केंद्र की जिम्मेदारियों का ‘अतिक्रमण’ बताया था। उन्होंने सवाल किया था, ‘क्या केरल सरकार खुद को एक अलग राष्ट्र मान रही है?’

भाषा अमित पवनेश

पवनेश

 

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