नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने राहुल गांधी पर मायावती के हमले को लेकर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सहयोग करने की सुपारी ले रखी है, इसलिए उनका राजनीतिक अंत जरूरी है।
पार्टी नेता उदित राज ने यह आरोप भी लगाया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल जब भी आरएसएस और भाजपा पर हमले करते हैं तो दर्द मायावती को होता है।
मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में की गई एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को आरोप लगाया था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष आरक्षण के बारे में भ्रामक बयान दे रहे हैं।
उन्होंने दावा किया था कि राहुल की कांग्रेस पार्टी ने ही केंद्र में अपने 10 साल के शासन के दौरान पदोन्नति में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आरक्षण विधेयक को पारित नहीं होने दिया।
उदित राज ने संवाददाताओं से बातचीत में मायावती पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया, ‘‘भाजपा आरक्षण विरोधी है। राहुल गांधी आरक्षण को मजबूत करना चाहते हैं। जब भाजपा अपना बचाव नहीं कर पा रही है तो उसने अपने बचाव के लिए मायावती को ‘हायर’ कर लिया है…जब राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर हमला करते हैं, तो दर्द मायावती जी को होता है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘मायावती को (राजनीतिक रूप से) खत्म होना जरूरी है, क्योंकि उन्होंने आरएसएस और भाजपा का सहयोग करने का ठेका और सुपारी ले रखी है। कांग्रेस हमेशा सहानुभूति से देखती रही, अन्यथा बसपा इतने समय तक जिंदा नहीं रहती।’’
उदित राज ने कहा, ‘‘बसपा ने शुरू से ही कांग्रेस की आलोचना कर अपनी जमीन तैयार की है। इनका कभी भौतिक आधार नहीं रहा। कभी ‘पर्दाफाश रैली’ की तो कभी ‘सत्ता प्राप्त रैली’ की। बसपा ने हमेशा बाबासाहेब आंबेडकर जी को आगे रखकर कांग्रेस पर ‘इमोशनल’ अत्याचार किया। साथ ही दुष्प्रचार किया कि कांग्रेस ने उन्हें चुनाव में हरवाया और ‘भारत रत्न’ नहीं दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने जितना बाबासाहेब आंबेडकर के लिए किया, वह कोई नहीं कर सकता। वह कांग्रेस ही थी, जो बाबासाहेब आंबेडकर को संविधान सभा में लाई थी। वहीं जब आंबेडकर जी संविधान मसौदा समिति के प्रमुख बने तो उन्होंने खुद कहा था कि इस समिति का सदस्य बनना ही बड़ी बात है, लेकिन मुझे प्रमुख बनाया गया। फिर कांग्रेस पार्टी ने ही उन्हें कानून मंत्री भी बनाया था।’’
उनका कहना था कि 20 मई, 2007 में मायावती जी ने एक शासनादेश निकाला, जिसमें कहा गया था कि एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 में बदलाव होगा और यह केवल हत्या-बलात्कार के मामले में ही लागू होगा। बाकी अपराधों में साधारण कानून के तहत कार्रवाई होगी। लेकिन जब हमने लड़ाई लड़ी तब उच्चतम न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की थी और कानून बहाल हुआ था।
कांग्रेस नेता के अनुसार, यह दिखाता है कि इस कानून की हत्या मायावती ने की थी।
उदित राज ने कहा, ‘‘पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर भी हमने लड़ाई लड़ी थी, जिसमें हमने केस जीता, लेकिन मायावती जी ने फाइल की कार्यवाही पूरी नहीं की, जिसके चलते उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में कर्मचारी पदावनत हुए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने आरक्षण को पूरी तरह लागू करने और इसकी सीमा बढ़ाने की बात की है। जब वह जाति जनगणना की बात करते हैं तो यह भी आबादी के हिसाब से अधिकार देने के लिए है।’’
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