नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश शुरू हो गई है। अखिलेश यादव के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने भी ब्राह्मणों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा ऐलान किया है।
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चार बार बनी BSP सरकार ने सभी वर्गों के महान संतों के नाम पर अनेक जनहित योजनाएं शुरू की थीं और जिलों के नाम रखे थे जिसे बाद में आई सपा सरकार ने जातिवादी मानसिकता और द्वेष की भावना के चलते बदल दिया था। बसपा की सरकार बनते ही इन्हें फिर से बहाल किया जाएगा: बसपा प्रमुख मायावती https://t.co/UTo2PGDiMI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 9, 2020
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा, ‘कोरोना के मद्देनजर राज्य/केंद्र सरकार की कमियों को ध्यान में रखते हुए यूपी में बीएसपी की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों, धर्मों में जन्मे महान संतों के नाम पर अस्पताल और सुविधा युक्त ठहरने के स्थानों का निर्माण किया जाएगा।’
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मायावती ने कहा, ‘चार बार बनी बीएसपी सरकार ने सभी वर्गों के महान संतों के नाम पर अनेक जनहित योजनाएं शुरू की थीं और जिलों के नाम रखे थे, जिसे बाद में आई समाजवादी पार्टी की सरकार ने मानसिकता और द्वेष की भावना के चलते बदल दिया। बीएसपी की सरकार बनते ही इन्हें फिर से बहाल किया जाएगा।’
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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि अगर 2022 में यूपी में हमारी सरकार बनती है तो ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों के महान संतों के नाम पर अस्पतालों व सुविधायुक्त ठहरने के स्थानों का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना के खिलाफ केंद्र व राज्य की सरकारें पूरी तरह से कामयाब नहीं रही हैं। उनके प्रयासों में कमी रही है।