Maulana Mahmood Madani on Waqf Board Amendment Bill

Mahmood Madani on Waqf Board Amendment Bill : वक्फ संशोधन विधेयक बिल पर बोले मौलाना महमूद मदनी, प्रस्ताव को बताया दुर्भावनापूर्ण

वक्फ संशोधन विधेयक बिल पर बोले मौलाना महमूद मदनी!Maulana Mahmood Madani on Waqf Board Amendment Bill

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Modified Date: August 8, 2024 / 05:30 PM IST
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Published Date: August 8, 2024 5:30 pm IST

Maulana Mahmood Madani on Waqf Board Amendment Bill : नई दिल्ली। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आज संसद में जो संशोधन प्रस्तुत किए गए हैं, वह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। इससे सरकारी एजेंसियों को अनावश्यक हस्तक्षेप का अवसर मिलेगा, जिससे वक्फ की मूल स्थिति और खुदा के स्वामित्व की अवधारणा का हनन होगा।

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वक्फ बिल संशोधन पर मौलाना मदनी का बयान

मौलाना मदनी ने कहा कि वक्फ अधिनियम की धारा 40 को निरस्त करना और वक्फ ट्रिब्यूनल के बजाय जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व और कब्जे से संबंधित मुद्दों और विवादों को राजस्व कानूनों के अनुसार हल करने का अधिकार दिया जाना एक तरह से वक्फ बोर्ड को खत्म करने के समान है। उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक बात बात यह है कि जब किसी भूमि पर सरकार का कब्जा हो, तो उसके स्वामित्व का निर्णय भी कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। ऐसी स्थिति में न्याय करने वाला और वादी दोनों सरकार ही होंगे।

 

ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ सांप्रदायिक तत्वों ने वक्फ अधिनियम को रद्द करने का जो अभियान शुरू किया था, वर्तमान सरकार उन लोगों के नापाक विचारों से प्रभावित है। मौलाना मदनी ने कहा कि इस तरह का कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए निर्देशों और भारत के संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है। मौलाना मदनी ने लिमिटेशन एक्ट 1963, से वक्फ संपत्तियों को प्राप्त संरक्षण के समाप्त करने, वक्फ बाई यूजर और वक्फ अलल-औलाद को समाप्त करने के प्रस्ताव को भी दुर्भावनापूर्ण बताया।

मौलाना मदनी ने वक्फ संपत्तियों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि वक्फ संपत्तियों पर ईश्वर का स्वामित्व है, इन्हें किसी सरकार या शासन के अधीन अथवा कब्जे में नहीं लाया जा सकता। इसके साथ ही इनके उद्देश्य भी तय हैं, जिनके निर्देश इस्लामी शिक्षाओं में दिए गए हैं। इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और अधिकार वक्फ बोर्ड के पास ही रहे और इसमें मुस्लिम विद्वानों का प्रतिनिधित्व भी बना रहे ताकि वक्फ की प्रासंगिकता और उद्देश्य बरकरार बना रहे।

मौलाना मदनी ने सरकार से अपील की है कि वह प्रस्तावित संशोधनों को वापस ले और धार्मिक नेताओं और वक्फ प्रबंधन की संस्थाओं सहित सभी हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श करे। उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन या बदलाव कोई प्रतिबंधित बात नहीं है, लेकिन प्रस्तावित संशोधनों के कुछ पहलू वक्फ के उद्देश्यों के विरुद्ध हैं, इसलिए वक्फ़ संपत्तियों की संप्रभुता को संरक्षित रखा जाए और किसी भी परिवर्तन को धार्मिक वर्गों और मुस्लिम संस्थानों की सहमति से किया जाए। मौलाना मदनी ने राजनीतिक दलों और सभी संबंधित नागरिकों से अपील की कि वह इन प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ आवाज उठाएं और धार्मिक अधिकारों और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए एकजुटता का प्रदर्शन करे।

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