विवाह आपसी विश्वास और सम्मान पर टिका होता है: दिल्ली उच्च न्यायालय |

विवाह आपसी विश्वास और सम्मान पर टिका होता है: दिल्ली उच्च न्यायालय

विवाह आपसी विश्वास और सम्मान पर टिका होता है: दिल्ली उच्च न्यायालय

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Modified Date: September 19, 2023 / 10:37 PM IST
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Published Date: September 19, 2023 10:37 pm IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुलह की संभावना के बिना 2011 से अलग रह रहे पति-पत्नी के तलाक को बरकरार रखते हुए कहा कि विवाह आपसी विश्वास, सम्मान और साथ पर टिका होता है तथा पत्नी के गलत आचरण से पति ने मानसिक पीड़ा का सामना किया।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत के नेतृत्व वाली पीठ ने इस साल की शुरुआत में पति की याचिका पर तलाक देने के कुटुंब अदालत के आदेश के खिलाफ पत्नी द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया।

अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों के लिए विवाह सहज नहीं था और अपीलकर्ता पत्नी के आचरण से पति को अत्यधिक मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से वह तलाक देने को मजबूर हो गया।

पति ने आरोप लगाया कि पत्नी ने उसे और उसके परिवार को आपराधिक मामले में फंसाने का असफल प्रयास किया और हिंदू त्योहार ‘करवा चौथ’ पर व्रत रखने से इनकार कर दिया क्योंकि वह उसे अपना पति नहीं मानती थी और किसी और से प्यार करती थी।

पति ने यह दावा भी किया कि वह उसका या उसके परिवार के सदस्यों का सम्मान नहीं करती थी और उसने आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी।

पीठ ने 11 सितंबर को पारित एक आदेश में कहा, “प्रतिवादी ने अपनी गवाही में कहा कि उसने यह कहते हुए करवा चौथ का व्रत रखने से भी इनकार कर दिया था कि वह ‘आर’ को अपना पति मानती है, और उसके माता-पिता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध प्रतिवादी के साथ उसकी शादी करने के लिए मजबूर किया था। किसी भी रिश्ते को इस तरह से अलग करना और लगातार अस्वीकार करना या प्रतिवादी को पति के रूप में स्वीकार न करना बड़ी मानसिक पीड़ा का स्रोत है।”

अदालत ने कहा, ‘विवाह आपसी विश्वास, सम्मान और साथ पर टिका होता है और अपीलकर्ता के कृत्य स्पष्ट रूप से स्थापित और साबित करते हैं कि ये तत्व मूल रूप से अपीलकर्ता के आचरण के कारण उनकी शादी से पूरी तरह से नदारद थे।’

भाषा जोहेब नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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