महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने पर मराठा समुदाय बंट सकता था : जरांगे |

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने पर मराठा समुदाय बंट सकता था : जरांगे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने पर मराठा समुदाय बंट सकता था : जरांगे

:   Modified Date:  November 6, 2024 / 05:04 PM IST, Published Date : November 6, 2024/5:04 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, छह नवंबर (भाषा) आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को कहा कि अगर वे चुनावी मैदान में उतरते, तो मराठा समुदाय बंट सकता था।

जरांगे ने दावा किया कि वे महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव से दूर रहने का फैसला लेकर उन्होंने मराठा आरक्षण की लड़ाई को जीवित रखा है।

जरांगे ने जालना जिले में एक मराठी समाचार चैनल से कहा कि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों को समर्थन देने के बारे में निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा।

आरक्षण कार्यकर्ता ने पहले कुछ निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की थी, जहां वह कुछ उम्मीदवारों का समर्थन या विरोध करने पर विचार कर रहे थे, लेकिन सोमवार को उन्होंने कहा कि वह राज्य में किसी भी उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतारेंगे या न ही किसी प्रत्याशी का समर्थन करेंगे।

भविष्य की रणनीति के बारे में जरांगे ने कहा, ‘‘चुनाव न लड़ने के फैसले से कुछ उम्मीदवार नाराज हो सकते हैं; लेकिन इस फैसले से मैंने आरक्षण की लड़ाई को जिंदा रखा है। चुनाव थोड़े समय के लिए खुशी देते हैं, जिससे हमें बचना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि वह समय आने पर निर्णय लेंगे कि चुनाव में किसे हराना है, क्योंकि मतदान में अभी कुछ दिन बाकी हैं।

जरांगे ने कहा, ‘‘हम उन लोगों को (मराठा आरक्षण के समर्थन में) मसौदा देंगे, जो हमसे समर्थन मांग रहे हैं। हम फिर बैठकर तय करेंगे कि हमें किसका समर्थन करना चाहिए। हमारे पास अंतिम चरण में (राजनीतिक) माहौल बदलने की क्षमता है। हम देखेंगे कि कौन मजबूत उम्मीदवार है और फिर तय करेंगे कि हमें किसे मसौदा और समर्थन देना चाहिए।’’

जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय पहले ही निशाने पर है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम चुनाव लड़ते, तो समुदाय में विभाजन पैदा हो सकता था।’’

आरक्षण कार्यकर्ता से पूछा गया कि क्या चुनाव नहीं लड़ने के उनके फैसले से विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) को फायदा होगा? जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘यह बात तो बहुत पहले से कही जा रही है। फिर (पिछले साल अंतरवाली सारती गांव में) हमारे लोगों पर हमला क्यों किया गया? उनके खिलाफ मामले क्यों दर्ज किए गए। हाल ही में 15-16 समुदायों को आरक्षण दिया गया, लेकिन हमें आरक्षण नहीं दिया गया।’’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा था कि विपक्षी गठबंधन में किसी का भी जरांगे के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से कोई संबंध नहीं है। राकांपा (एसपी) एमवीए की घटक है।

भाषा धीरज पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)