नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने यौन अपराधों के शिकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) समुदायों के बच्चों की बड़ी संख्या पर चिंता जतायी और कहा कि तत्काल मुआवजे के कानूनी प्रावधानों के बावजूद उनमें से कई को राज्यों से कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है।
एनसीपीसीआर के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यौन अपराधों के शिकार बने 5,178 बच्चों में से 1,546 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हैं।
सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी एक पत्र में, एनसीपीसीआर ने ‘पॉक्सो ट्रैकिंग’ पोर्टल से डेटा साझा किया। यह पोर्टल यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों पर नजर रखता है।
एनसीपीसीआर ने कहा, ‘‘तत्काल मुआवजे के कानूनी प्रावधानों के बावजूद, इनमें से कई पीड़ितों को कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है।’’
भाषा शफीक देवेंद्र
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