नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) राज्यसभा में भाजपा के सदस्य महाराजा संजाओबा लीशेम्बा ने बृहस्पतिवार को मणिपुर को जनसांख्यिकीय असंतुलन से बचाने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू कर अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने की मांग की।
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए, भाजपा सांसद लीशेम्बा ने कहा कि मणिपुर में वर्तमान कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण राज्य के मौजूदा चुनावी क्षेत्रों में कोई भी बदलाव करना अनुकूल नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘1969 से 2024 तक कंगपोकपी, टेंग्नौपाल, चंदेल, चुराचांदपुर और फेरजावल जिले में गांवों की असामान्य और अतार्किक वृद्धि हुई। ’’
उन्होंने कहा कि यह संख्या 1969 में 731 थी जो 2024 में बढ़ कर 1624 हो गई। ‘‘ 593 गांवों की वृद्धि असामान्य है। लगभग 50 वर्षों में गांवों की संख्या में यह वृद्धि 122 प्रतिशत है।’’
लीशेम्बा ने कहा कि इसके विपरीत, नगा बहुल क्षेत्रों में गांवों की संख्या 527 से बढ़ कर 576 हुई। ‘‘नगा गांवों की संख्या में वृद्धि मात्र 49 यानी केवल नौ प्रतिशत है।’’
उन्होंने आगे कहा कि अवैध प्रवासी भारतीय भूभाग में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं और भारत-म्यांमा अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस हिस्से का लाभ उठाकर अवैध घुसपैठ कर रहे हैं जहां बाड़ लगाना संभव नहीं है।
लीशेम्बा ने कहा कि घुसपैठ के बाद ये अवैध प्रवासी चुनावी राजनीति में भी दखल दे रहे हैं।
भाजपा सदस्य ने सरकार ने अनुरोध किया कि मौजूदा चुनावी निर्वाचन क्षेत्रों में परिसीमन प्रक्रिया जैसे किसी भी तरह के बदलाव के लिए आगे बढ़ने से पहले, आधार वर्ष 1951 के साथ एनआरसी को लागू करके अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें उनके देशों में निर्वासित करना जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि यह एकमात्र तार्किक समाधान है अन्यथा मणिपुर में बहुत बड़ा जनसांख्यिकीय असंतुलन होगा और मूल निवासियों को अपनी ही मातृभूमि में बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा।
भाषा मनीषा माधव
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