मणिपुर : 48 घंटे के बंद से थौबल जिले में सामान्य जनजीवन प्रभावित |

मणिपुर : 48 घंटे के बंद से थौबल जिले में सामान्य जनजीवन प्रभावित

मणिपुर : 48 घंटे के बंद से थौबल जिले में सामान्य जनजीवन प्रभावित

:   Modified Date:  October 1, 2024 / 05:50 PM IST, Published Date : October 1, 2024/5:50 pm IST

इंफाल, एक अक्टूबर (भाषा) उग्रवादियों द्वारा अपहृत दो युवकों की रिहाई सुनिश्चित करने में विफल रहने को लेकर ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) द्वारा आहूत 48 घंटे के बंद की वजह से मणिपुर के थौबल जिले में मंगलवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। यह जानकारी पुलिस ने दी।

तड़के तीन बजे शुरू हुए इस बंद का आह्वान जेएसी ने शुक्रवार को उग्रवादियों द्वारा दो स्थानीय युवकों का अपहरण किए जाने के विरोध में किया था। जेएसी ने युवकों को सोमवार रात तक रिहा नहीं किये जाने पर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने और जिले में पूर्ण बंद का आह्वान करने की चेतावनी दी थी।

जेएसी के संयोजक एल. सुबोल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने लोगों को सोमवार रात तक युवकों की रिहाई का आश्वासन दिया था, लेकिन वह विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप बंद जारी है। जब तक हमारे लड़के सुरक्षित रूप से रिहा नहीं हो जाते, हम आंदोलन जारी रखेंगे।’’

पुलिस ने बताया कि हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और मेला ग्राउंड, वांगजिंग, याइरीपोक और खांगबोक सहित विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग 102 को अवरुद्ध कर दिया, जो इम्फाल को मोरेह से जोड़ता है।

थौबल नगर में मेला ग्राउंड के निकट नाकाबंदी स्थल पर महिला प्रदर्शनकारी राजमार्ग पर बैठ गईं, जबकि युवाओं ने वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए पुराने टायर जलाये।

व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा। सरकारी कर्मचारियों को दफ्तर पहुंचने में मुश्किल हुई।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एन जॉनसन सिंह केंद्रीय बलों के लिए एसएससी जीडी भर्ती परीक्षा के लिए इंफाल पश्चिम जिले के न्यू कीथेलमनबी इलाके जा रहे थे। एन जॉनसन सिंह के साथ दो दोस्त भी थे, लेकिन वे रास्ता भटक गए और कुकी बहुल कांगपोकपी जिले में पहुंच गए, जहां शुक्रवार को उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया।

थौबल के रहने वाले तीन दोस्तों में से हालांकि, जॉनसन सिंह को बाद में सेना ने छुड़ा लिया।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा था कि पुलिस महानिदेशक को शेष दो युवकों की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

सिंह ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। तीन युवकों में से एक को रिहा कर दिया गया, जबकि दो अन्य अभी भी बंधक हैं। केंद्र और राज्य सरकारें दोनों युवकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए संपर्क में हैं। हम अभी बातचीत कर रहे हैं।’’

सिंह ने कहा, ‘‘डीजीपी खुद (अपहरणकर्ताओं से) बातचीत करने उस जगह गए हैं। हमें विश्वास है कि सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। उन्होंने कुछ मांगें रखी हैं… लेकिन सरकार दोनों युवकों की बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है। सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है।’’

पिछले साल मई से इम्फाल घाटी में रहने वाले मेइती और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी लोगों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)