रूस-यूक्रेन युद्ध से बच निकल कश्मीर लौटे व्यक्ति ने वापसी के लिए प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद |

रूस-यूक्रेन युद्ध से बच निकल कश्मीर लौटे व्यक्ति ने वापसी के लिए प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद

रूस-यूक्रेन युद्ध से बच निकल कश्मीर लौटे व्यक्ति ने वापसी के लिए प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद

:   Modified Date:  September 17, 2024 / 08:07 PM IST, Published Date : September 17, 2024/8:07 pm IST

(जेहरा शफी)

अवंतीपुरा (जम्मू-कश्मीर), 17 सितंबर (भाषा) पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क शहर में जब रूस के एक सैन्य कमांडर ने ‘भारतीय नागरिकों को वापस जाने’ का आदेश दिया तब कहीं जाकर आजाद यूसुफ कुमार की धड़कनें धीरे-धीरे सामान्य होने लगीं। कुमार एक उज्ज्वल भविष्य की तलाश में रूस पहुंचा था लेकिन बदकिस्मती उसे यूक्रेन युद्ध के बीच ले गयी।

कमांडर के इस आदेश के बाद उसे उम्मीद जगी कि वह घर लौट सकता था।

दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा जिले का रहने वाला कुमार इस बात से बेहद खुश था कि वह लगभग दो वर्ष बाद एक बार फिर अपने परिवार से मिल पाएगा। कुमार ने युद्धग्रस्त क्षेत्र में कड़ी मेहनत की और युद्ध प्रशिक्षण के दौरान गोली लगने के कारण वह मौत के बिल्कुल करीब पहुंच गया था।

आजाद ने उस किस्से को याद किया, जिसमें रूसी कमांडर ने अपनी टूटी-फूटी अंग्रेजी में कुछ नाम पुकारे और उनसे कहा कि ‘भारतीय नागरिक वापस जाओ’। उसे उतनी ही अंग्रेजी आती थी।

कुमार ने कहा, “हमें विश्वास ही नहीं हुआ कि वह (रूसी कमांडर) वाकई में हमारी आजादी की बात कर रहा था।”

रूसी अधिकारी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई एक बैठक का भी जिक्र किया, जिससे ये संकेत मिला कि इस बैठक ने हमारी स्थिति को कहीं न कहीं प्रभावित किया।

कुमार ने कहा, “उसने कुछ इस तरह कहा था कि राष्ट्रपति पुतिन ने श्री मोदी से मुलाकात की और अब तुम्हारा अनुबंध रद्द किया जाता है।”

प्रधानमंत्री का तहेदिल से शुक्रिया करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा की वजह से हुआ, जिसने मुझे सुरक्षित घर पहुंचने में मदद की। इस दौरान मेरी पत्नी ने हमारे बेटे को जन्म दिया था।”

कुमार को करीब दो वर्ष पहले एक यूट्यूब चैनल ‘बाबा व्लॉग्स’ के बारे में पता चला, जिसे मुंबई का रहने वाला फैसल खान कथित तौर पर चलाता है। खान ने कुमार को रूस में सुरक्षा सहायक के रूप में नौकरी दिलाने का वादा किया था, जिसमें शुरुआती वेतन 40,000 से 50,000 रुपये तक था और एक लाख रुपये तक बढ़ सकता था।

‘बाबा व्लॉग्स’ पर सफलता की कहानियों से आश्वस्त होकर कुमार ने इस पद के लिए आवेदन किया और यात्रा तथा प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में 1.3 लाख रुपये की भारी-भरकम राशि का भुगतान किया।

वह (कुमार) 14 दिसंबर, 2022 को अपने पोशवान गांव से मुंबई के लिए रवाना हुए, जहां उसकी मुलाकात गुजरात के एक व्यक्ति से हुई और वह भी नौकरी की तलाश में था।

इसके बाद दोनों को चेन्नई भेज दिया गया।

वे 19 दिसंबर को मॉस्को के डोमोडेडोवो हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां की असल स्थिति ने उन्हें अंदर तक झकझोर कर रख दिया और वहां से ही उन्हें रूसी सेना को सौंप दिया गया।

कुमार ने बताया, “मेरे हाथ-पांव फूल गये। उन्होंने हमसे रूसी भाषा में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करवाए, और हम बस मदद की गुहार लगा सकते थे।”

दोनों को जल्दबाजी में युद्ध प्रशिक्षण के लिए रूस-यूक्रेन सीमा पर ले जाया गया। कुमार को इन सबके बीच कार्गो विमान और सेना के ट्रकों में लुहांस्क तक ले जाया गया, जो उसके लिए एक भयावह अनुभव रहा।

कुमार के साथ छह भारतीय और भी थे, जिन्होंने अकल्पनीय कठिनाइयों का सामना किया। कुमार ने सहायता के लिए अपनी हताशा भरी अपील को याद करते हुए कहा, “हम रूसी भाषा नहीं बोल सकते थे और मदद के लिए वहां कोई नहीं था।”

कुमार को अपने प्रशिक्षण के दौरान पैर में गोली लगी और उसे 18 दिन अस्पताल में बिताने पड़े।

उसने बताया, “यह किसी बुरे सपने की तरह था। मुझे बंदूक चलानी नहीं आती थी और इसी वजह से मैं घायल हो गया।”

इस दौरान, उसने गुजरात के अपने करीबी दोस्त सहित कुछ साथी भारतीयों को मरते हुए भी देखा।

कुमार ने कहा, “गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाते समय मेरी आंखें बंद हो रही थीं। लेकिन मेरे साथ मौजूद चिकित्सक ने मुझे थप्पड़ मारे और कहा कि मैं अपनी आंखें बंद न करूं। मेरा बहुत खून बह गया था।”

उसने कहा, “अचानक उन्होंने मुझे जगाए रखने के लिए भारत, रवींद्रनाथ टैगोर, इंदिरा गांधी और महात्मा गांधी के बारे में बातचीत शुरू कर दी। मैंने उनसे कहा कि मैं मरना नहीं चाहता। शुक्र है कि मैं बच गया।”

कुमार अब अपने परिवार का भविष्य बेहतर करने की कोशिश में जुटा है, साथ ही विदेशों में नौकरी के अवसरों की तलाश करने के खतरों के बारे में दूसरों को चेतावनी देने के लिए अपनी कहानी भी साझा कर रहा है।

भाषा जितेंद्र अविनाश

अविनाश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)