नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2016 में छह साल की बच्ची के कथित तौर पर बार-बार यौन उत्पीड़न मामले में एक व्यक्ति को 12 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रोहित गुलिया 27 वर्षीय दोषी के खिलाफ सजा पर बहस सुन रहे थे, जिसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन हमला) के तहत दोषी ठहराया गया था।
विशेष लोक अभियोजक चंद्रजीत यादव ने कहा कि दोषी को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि उसने जघन्य अपराध किया है।
अदालत ने 6 नवंबर को पारित आदेश में उसे 12 साल के सश्रम कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके अलावा पीड़िता को उसके द्वारा झेले गए “भावनात्मक आघात” के लिए 10.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था।
सितंबर में आरोपी को दोषी ठहराते हुए अदालत ने साक्ष्यों पर विचार किया और कहा कि यह स्थापित हो चुका है कि बच्ची के पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने लड़की को कई बार अपने घर बुलाया, खेलने के लिए अपना मोबाइल फोन दिया और उसका यौन उत्पीड़न किया।
अदालत ने अधिक महत्वपूर्ण बात यह कही कि “यदि किसी बच्चे के साथ एक से अधिक बार या 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न किया जाता है, तो यह गंभीर यौन उत्पीड़न है।’’
भाषा प्रशांत अविनाश
अविनाश
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बच्ची के यौन उत्पीड़न के दोषी व्यक्ति को 12 साल…
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