नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने शहर की एक अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट को लेकर उनके खिलाफ पुलिस के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया गया है।
कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है और वह अभी जमानत पर हैं। एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बिभव के खिलाफ आरोपपत्र पर 30 जुलाई को संज्ञान लिया था।
कुमार के वकील मनीष बैदवान ने 29 अक्टूबर को तीस हजारी की एक सत्र अदालत में एक पुनर्विचार याचिका दायर करके नयी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के बजाय निरस्त दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मामले को संज्ञान में लेने पर आपत्ति जतायी थी।
याचिका में कहा गया है, ‘‘संज्ञान में इस बात पर विचार करने की आवश्यकता होती है कि क्या नये बीएनएसएस के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार है, जिसका मौजूदा मामले में अभाव है।’’
याचिका में अंतिम रिपोर्ट के ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ होने सहित विभिन्न आधार पर विसंगतियों का दावा किया गया है।
इसमें आरोप लगाया गया है, ‘‘यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि जांच के दौरान महत्वपूर्ण सबूत जैसे कि सीसीटीवी फुटेज हासिल किया गया और जब्त किया गया तथा एफएसएल की एक रिपोर्ट अभी लंबित है।’’
याचिका में कहा गया कि महत्वपूर्ण सबूत पर विचार नहीं किया गया है जबकि अदालत ने एक अधूरे आरोपपत्र के आधार पर ही संज्ञान लेने का आदेश पारित कर दिया।
मामले पर अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी।
भाषा गोला मनीषा अमित
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