नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा)भारत ने मंगलवार को कहा कि भूमि की गुणवत्ता बनाए रखना क्षेत्रीय स्थिरता की कुंजी है और उसने देशों को भूमि क्षरण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ वृक्षारोपण अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा सऊदी अरब के रियाद में आयोजित 16वें मरुस्थलीकरण सम्मेलन में भारत के रुख से अवगत कराते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली और दैनिक जीवन में पारंपरिक ज्ञान के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ भूमि की गुणवत्ता बनाए रखना क्षेत्रीय स्थिरता की कुंजी है। यह पलायन को मजबूर करने वाले कारकों को कम करके स्थिर समुदायों और मजबूत अर्थव्यवस्थाओं को बनाने में मदद करती है।’’
यादव ने कहा कि भारत ने भूमि क्षरण की समस्या से निपटने, सूखे से निपटने की क्षमता बढ़ाने, पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए सीओपी16 के लक्ष्यों के अनुरूप एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ से एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत हमने इस वर्ष एक अरब से अधिक पौधे लगाए हैं। हम सभी देशों और उनके नागरिकों से इस अनूठी पहल में शामिल होने का आग्रह करते हैं, जो धरती मां को दिया गया सबसे बड़ा उपहार होगा और भूमि क्षरण तथा जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के समाधान में भी योगदान देगी।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर इस अभियान की शुरुआत की, जिसमें लोगों को अपनी मां के प्रति प्रेम, सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस पहल का लक्ष्य भूमि क्षरण से निपटने और क्षरित क्षेत्रों को बहाल करने के लिए मार्च 2025 तक 140 करोड़ पेड़ लगाना है।
भाषा धीरज प्रशांत
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