नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने राज्य में सत्ता साझेदारी समझौते पर बातचीत के लिए बृहस्पतिवार रात यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
फडणवीस को महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। महायुति गठबंधन में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं।
राकांपा प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के लिए सरकार में विभिन्न मंत्री पद पर फैसला बृहस्पतिवार रात शाह के साथ बैठक में किया जाएगा।
गठबंधन के नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र में दो दिसंबर तक नयी सरकार के गठन की संभावना है।
शिंदे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं उदय सामंत और शंभूराज देसाई के साथ राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। इससे पहले, फडणवीस ने राकांपा नेता सुनील तटकरे के आवास पर अजित पवार के साथ बैठक की।
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे ने महायुति गठबंधन की बैठक से पहले दिल्ली में शाह से अलग से मुलाकात की।
मुंबई से आए शिंदे सीधे शाह के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे, जहां भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा पहले से मौजूद थे।
शिंदे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह राज्य में सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा शाह द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करेंगे। इससे महाराष्ट्र में अगले मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा के लिए अपने उम्मीदवार को चुनने का रास्ता साफ हो गया।
शिंदे ने कहा, ‘‘यह ‘लाडका भाऊ’ (प्यारा भाई) दिल्ली आ गया है और ‘लाडका भाऊ’ पद मेरे लिए किसी भी अन्य चीज से अधिक है।’’
राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा थी कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेने से पहले महाराष्ट्र में सामाजिक समीकरणों पर विचार करेगा।
इससे भाजपा के भीतर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और मराठा समुदायों के नेताओं के लिए मुख्यमंत्री पद की दौड़ खुल गई है।
शिवसेना के नेताओं ने लाडकी बहन योजना की सफलता और नागरिकों के दरवाजे तक सरकार की कल्याणकारी सुविधाएं ले जाने के शिंदे के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में बरकरार रखने की वकालत की है।
मुख्यमंत्री के चयन में जातिगत समीकरण की बड़ी भूमिका होने वाली है, क्योंकि सभी दलों के 288 विधायकों में से अधिकतर मराठा समुदाय से हैं।
फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से हैं और पहली बार 2014 में मुख्यमंत्री बने थे और फिर 2019 में कुछ समय के लिए फिर से मुख्यमंत्री बने। सूत्रों ने कहा, ‘‘अगर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का हुक्म चलता है तो फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना उज्ज्वल है।’’
शिंदे के एक करीबी सहयोगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री द्वारा नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने की संभावना नहीं है।
शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरशाट ने हालांकि कहा कि शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। शिरसाट कहा, ‘‘वह शायद उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे। मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति के लिए ऐसा करना सही नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी दूसरे नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए कहेगी।
वहीं, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि उन्हें अपने पिता एकनाथ शिंदे पर गर्व है, जिन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को दरकिनार करते हुए ‘‘गठबंधन धर्म’’ का पालन करने का उदाहरण पेश किया है।
सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उनके पिता का महाराष्ट्र के लोगों के साथ अटूट रिश्ता है। श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘‘मुझे अपने पिता और शिवसेना प्रमुख पर गर्व है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भरोसा बनाए रखा और अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को अलग रखते हुए गठबंधन धर्म का (बेहतरीन) उदाहरण पेश किया।’’
भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में 288 सदस्यीय सदन में 230 सीट पर जीत दर्ज की तथा विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को 46 सीट पर समेट दिया।
भाजपा ने 132 सीट, शिवसेना ने 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीट जीतीं।
एमवीए में शामिल शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीट, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की राकांपा (एसपी) ने 10 सीट पर जीत दर्ज की।
भाषा रविकांत रंजन
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