मधुगिरी: Madhugiri DYSP Video कर्नाटक के गृह मंत्री जी.पी.परमेश्वर के गृह जिले तुमकुरु के डीएसपी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में डीएसपी रामचंद्रप्पा एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में नजर आ रहे हैं। वहीं, महिला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वह शिकायत करने आई थी, लेकिन डीएसपी रामचंद्रप्पा मेरे साथ बंद कमरे में अश्लील हरकत की है। फिलहाल मामले को लेकर लोगों काफी आक्रोश है।
Madhugiri DYSP Video मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित महिला जमीन विवाद को लेकर डीएसपी रामचंद्रप्पा के कार्यालय में शिकायत करने पहुंची थी। लेकिन यहां डीएसपी रामचंद्रप्पा ने उसे निजी कमरे में बुला लिया और कमरे में आते ही उसके साथ अश्लील हरकत करने लगे। लेकिन वहां मौजूद एक शख्स ने डीएसपी की हरकतों का वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया।
वहीं, वीडियो के प्रसारित होने के बाद, डीएसपी रामचंद्रप्पा गायब हैं। लेकिन दूसरी ओर इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया है और अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए तुमकुरु एसपी अशोक ने ज़ोर देकर कहा, “यह एक गंभीर मामला है। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है, और पूरी जांच की जाएगी। हालांकि मेरे पास कुछ प्रारंभिक जानकारी थी, लेकिन उस समय कोई सबूत नहीं था। विभाग महिलाओं के खिलाफ़ किसी भी तरह के उत्पीड़न या हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगा। पुलिस बल में जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
A woman visiting #Madhugiri DYSP #Ramachandrappa‘s office to file a complaint alleged that he behaved inappropriately. A video showing the officer’s actions has gone viral, causing embarrassment to the Karnataka Police Department. The incident took place in #Tumakuru, the home… pic.twitter.com/APiSJV2M5D
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) January 3, 2025
डीएसपी रामचंद्रप्पा के खिलाफ कर्नाटक पुलिस विभाग द्वारा जांच की जाएगी। अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन, या सेवा से बर्खास्तगी की जा सकती है। महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने पर कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
पीड़ित महिला को अपनी शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज करानी चाहिए। वह महिला आयोग या राज्य मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत कर सकती है। इसके साथ ही, वह महिला उत्पीड़न से संबंधित कानूनों के तहत केस दर्ज करवा सकती है।
पुलिस विभाग महिला उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेता है। ऐसे मामलों में वरिष्ठ अधिकारी जांच के आदेश देते हैं और अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है।
डीएसपी या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सबूत के तौर पर वीडियो, ऑडियो रिकॉर्डिंग, या गवाह महत्वपूर्ण होते हैं। पीड़ित या अन्य लोग इन सबूतों को जांच एजेंसियों को सौंप सकते हैं।
हां, वायरल वीडियो को सबूत के रूप में अदालत में पेश किया जा सकता है, बशर्ते वह प्रामाणिक हो और बिना छेड़छाड़ के हो। न्यायालय इसे घटना के समर्थन या खंडन के लिए उपयोग कर सकता है।