Madrasa Survey Campaign : उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश ने बीते दिनों सोमवार को अपना विवादास्पद मदरसा सर्वेक्षण अभ्यास शुरू कर दिया है। मदरसा सर्वे अभियान के तहत तीन सदस्यीय सरकारी समिति ने इस्लामिक धार्मिक स्कूलों का दौरा किया और उनके वित्त पोषण के स्रोत सहित 12 पहलुओं पर जानकारी मांगी। इस सर्वे में सबसे अधिक ध्यान इस पर बात पर दिया जाएगा कि आखिर इन मदरसों को फंडिंग कहां से और कैसे की जाती है।
यूपी की योगी सरकार इन मदरसों के सर्वे को लेकर चर्चा में भी है। मदरसा सर्वे अभियान की रिपोर्ट 25 अक्टूबर 2022 तक योगी सरकार को सौंपनी है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 16,461 मदरसे हैं। जिनमें से 560 मदरसों को राज्य सरकार अनुदान प्रदान करती है।
12 पहलुओं पर होगी पैनी नज़र
Madrasa Survey Campaign : 12 सवालों के जवाब के आधार पर ही मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वेक्षण में मदरसा चलाने वाले संगठन के बारे में जानकारी मांगी गई है, जिस वर्ष इसे स्थापित किया गया था,चाहे वह निजी स्वामित्व वाले या किराए के भवन से संचालित हो रहा हो, यदि भवन सुरक्षित है और उसमें शुद्ध पेयजल, फर्नीचर और अन्य सुविधाएं हैं या नहीं, शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों की संख्या, पाठ्यक्रम क्या है, और क्या इन संस्थानों के छात्र पहले कुछ अन्य संस्थानों में नामांकित थे, फंडिंग कहां से आती है, जैसे सवाल मदरसा संचालकों से किए जाएंगे।
Read more: शिक्षकों ने इन मांगों को लेकर फिर खोला मोर्चा, कहा- डटे रहेंगे जब तक पूरी नहीं होती मांग
जानें क्यों किया जा रहा ये मदरसा सर्वे अभियान
Madrasa Survey Campaign : सरकार ने कहा है कि मदरसा सर्वे अभियान का मकसद छात्रों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सुनिश्चित करने के लिए आंकड़े जुटाना है। वहीं अवैध गतिविधियों में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को कहा, हम सभी का सहयोग चाहते हैं, सभी का कल्याण चाहते हैं। लेकिन साथ ही किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”